नैनीताल बैंड स्टैंड, पिछले कई सालों से उपेक्षा का एक स्मारक बन कर रह गया था, और शहर के असामाजिक तत्वों के लिए यह एक अड्डा बन गया था। लेकिन हर एक गलत आगाज़ का अंत होता है और इसका अंत नैनीताल जिला पुलिस के हाथों से होना था।
बैंड स्टैंड को पुनर्जीवित करने के लिए एसएसपी नैनीताल जनमेन्जई खंडूरी द्वारा डीजीपी अनिल रतुड़ी को एक आवेदन भेजा गया था जिसमें उन्होंने डीजीपी से इसके लिए अनुमति मांगी थी और डीजीपी द्वारा अनुमति मिलने के बाद झील के किनारे स्थित, नैनीताल के ऐतिहासिक बैंड स्टैंड में को एक बार फिर संगीत बजाने की शुरुआत करी है।
1920 के दशक के बैंड स्टैंड को जिम कॉर्बेट ने बनवाया था जब वह नैनीताल के नगर बोर्ड के निर्वाचित सदस्य थे। उस वक्त के मशहूर जैज़ किंग माने जाने वाले किड ओरी और दूसरे जैज़ म्यूज़िशियन जैसे कि किंग ओलिवर, लुई आर्मस्ट्रांग और रागाटाइम म्यूज़िक जैसा संगीत हर शाम मॉल रोड पर जादू बिखेरता था।
यह एक ऐसी परंपरा थी जिसे सत्तर दशक के मध्य तक जीवित रखा गया था, यहां तक कि इस परंपरा को आखिरी बार 6-7 पीएसी बैंडों ने देशभक्ति गाने, फिल्मी गीत और यहां तक कि कुमाऊनी गानों को भी बैंड स्टैंड पर बजाया था।
दशकों बाद, एक बार फिर से इस परंपरा को शुरु किया जा चुका है और इसके लिए ज़िले में सक्रिय पुलिस प्रशासन की जितनी सराहना की जाए उतनी कम है। 24 सदस्यों की टीम पुलिस ब्रास बैंड, हर शाम 4 बजे से 7 बजे के बीच बैंड स्टैंड पर पर्यटकों के लिए पुराने गाने, कुमऊंनी और गढ़वाली गाने बजाते हैं।
टीम न्यूजपोस्ट से बात करते हुए एसएसपी खंडूरी कहते हैं, “हमने 1 मई को इस पहल की शुरुआत की है और जुलाई की गर्मियों के मौसम तक यह जारी रहेगा।यह पहल ना केवल स्थानीय लोगों के देखने के लिए उत्साहजनक है बल्कि पर्यटक भी इस पहल की सभी सोशल साईट पर सराहना करते नही थकते।“