1987 बैच के आईपीएस अधिकारी अनिल रतूड़ी उत्तराखंड के अगले पुलिस महानिदेशक होंगे। आईपीएस अनिल रतूड़ी 24 जुलाई को डीजीपी पद का कार्यभार संभालेंगे और 24 जुलाई को ही मौजूदा डीजीपी एम ए गणपति को पुलिस महकमा विदाई देगा।
अच्छी खबर को फैलने में समय नहीं लगता और वो भी तब जब खबर इतनी शानदार हो।जी हां अनिल रतूड़ी पहाड़ों की रानी मसूरी से हैं।इस समय मसूरी में उत्सव का माहौल है और क्यों ना हो मसूरी में ही अनिल रतूड़ी पैदा और पले बड़े है। अनिल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हैंम्पटन कोर्ट स्कूल से की है उसके बाद सेंट जार्ज स्कूल से कक्षा 4-12 तक की पढ़ाई की है।
रतूड़ी के संगी साथियों को भी उन पर उतना ही गर्व है। ख़ासतौर पर इस बात का कि रतूड़ी ने कभी कामयाबी को अपने सर नहीं चढ़ने दिया और शायद ज़मीन से जुड़े रहने की इस आदत ने ही आज उन्हें पुलिस विभाग के सबसे ऊँचे पद पर पहुँचाया।
उनकी हमउम्र लोग रतूड़ी को एक पतली कदकाठी के लेकिन बेहद ईमानदार अधिकारी के तौर पर जानते हैं। जोकि अपनी खास चाल के लिये दिल्ली के किरोड़ीमल काॅलेज जहां से रतूड़ी ने एमए इंग्लिश किया वहां खासे मशहूर थे। अपने समय में अनिल रतूड़ी दो स्केटिंग पार्टनर के साथ आगे बढ़े लेकिन आखिरी तक इसमें आगे केवल रतूड़ी गए।अनिल रतूड़ी ने अपने स्केटिंग से अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर भारत को रिप्रजेंट किया । 1980 के रोलर स्केटिंग श्रेणी में उन्होंने कायरो और रोम में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
अनिल रतूड़ी की छोटी बहन नीता रावत जो मसूरी के एलएलएम फाउंडेशन स्कूल की प्रिसिंपल है पुराने दिनों को याद करते हुए बताती हैं कि “रतूड़ी हमेशा से ही एक उम्दा एथलिट थे।हमेशा सभी खेलों में नंबर एक पर रहते थे चाहें क्रिकेट हो,एथलेटिक्स हो या फिर हाॅकी हो या आप कह सकते हैं कि वह हर क्षेत्र में काफी अच्छे थे।”
जब कभी अनिल काम से थोड़ा समय निकालते वह हमेशा बैंडमिंटन,लान टेनिस या फिर पढ़ना पसंद करते हैं। न्यूज़पोस्ट से बातचीत में नीता बताती हैं कि “अनिल एक सुलझे हुए इंसान हैं जिन्हें अपने घर का बना हुआ गढ़वाली खाना पसंद हैं और वह अपने परिवार खासकर अपनी मां के साथ सदिर्यों का समय देहरादून में बिताना पसंद हैं।”
हम सभी की तरफ से अनिल रतूड़ी को नये पद की शुभकामनाऐं।