नाभा जेल ब्रेक कांड: दून में बेचा गया था 32 लाख का सोना

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दून पुलिस की चैकसी एक बार फिर सवालों के घेरे में है। वह इसलिए कि देश को हिला कर रख देेने वाले पंजाब के नाभा जेल ब्रेक कांड के आरोपी सुनील कालरा ने एक नया खुलासा किया है कि उसने नाभा जेल ब्रेक की साजिश को अंजाम देने के लिए पंजाब से लूटा गया 32 लाख का सोना देहरादून के एक ज्वैलर्स को बेचा था।

इस मामले का खुलासा पंजाब पुलिस की सुनील से पूछताछ के दौरान हुआ और पंजाब पुलिस सुनील को लेकर देहरादून पहुंची और आरोपी ज्वैलर को गिरफ्तार कर लिया। दून पुलिस की बदनामी इसलिए हो रही है कि पंजाब में मोगा के मॉडल टाउन की डकैती का माल बेचने की जानकारी दून पुलिस सुनील कालरा की पत्नी गीता को गिरफ्तार करने के बाद भी नहीं उगलवा सकी। यदि दून पुलिस गंभीर होती तो यह भेद पहले ही खुल चुका होता, लेकिन पुलिस सुनील को वारंट पर लाने की तैयारी ही करती रह गई।
पंजाब पुलिस ने देहरादून पहुंच कर यह खुलासा किया है कि नाभा जेल ब्रेक कांड को अंजाम देने वाले आतंकियों ने इस कांड के लिए रकम जुटाने को डाली गई डकैती का माल देहरादून में बेचा था। इसमें अहम भूमिका निभाने वाले सुनील कालरा को लेकर पंजाब पुलिस देहरादून पहुंची और पलटन बाजार में एक ज्वेलर के यहां छापा मारा। पंजाब पुलिस ज्वेलर को गिरफ्तार कर पंजाब के लिए रवाना हो गई।
बताते चले कि बीते 27 नवंबर को अंजाम दिए गए नाभा जेल ब्रेक कांड ने पूरे देश में सनसनी फैला दी थी। जेल ब्रेक के आरोपियों ने इस वारदात से तकरीबन तीन माह पहले एक अगस्त 2016 को पंजाब के मोगा जनपद के मॉडल टाउन थाना क्षेत्र में डकैती डाली थी। यह डकैती जेल ब्रेक कांड के लिए रुपयों का इंतजाम करने को डाली गई थी। इसमें आरोपियों ने नकदी के साथ ही करीब ढाई किलोग्राम सोना लूटा था।
इस सोने को लेकर सुनील कालरा देहरादून आ गया। सुनील ने लूट का यह सोना धीरे-धीरे कर 27 लाख में पलटन बाजार स्थित सिमरन ज्वेलर्स के यहां बेच दिया। इन्हीं रुपयों से जेल ब्रेक में शामिल सुनील कालरा, पेमा व अन्य के लिए हथियारों से लेकर वर्दी तक का इंतजाम किया गया। इसका पर्दाफाश जनवरी में इंदौर से सुनील कालरा की गिरफ्तारी होने के बाद हुआ था।
पंजाब पुलिस सुनील को लेकर देहरादून पहुंची। यहां स्थानीय पुलिस के साथ पलटन बाजार में सिमरन ज्वेलर्स पर छापा मारा और उसके मालिक रणजीत सिंह निवासी पलटन बाजार को गिरफ्तार कर लिया। छापेमारी की कार्रवाई को कोतवाली की जीडी में दर्ज कराने के बाद पंजाब पुलिस देर रात सुनील व रणजीत को लेकर पंजाब रवाना हो गई।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश के शामली में पेमा की गिरफ्तारी के बाद सुनील कालरा का नाम भी जेल ब्रेक कांड में सामने आया। दून पुलिस ने उसके अमन विहार स्थित घर पर छापा मारकर उसकी पत्नी गीता और नौकर बिन्नी को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों के पास से नकली पहचान पत्र बनाने के उपकरण और वर्दी में प्रयुक्त होने वाले सामान बरामद हुए थे।
सुनील कालरा के इंदौर में गिरफ्तार होने के बाद से ही दून पुलिस उसे वारंट बी पर लाने की तैयारी कर रही है। रायपुर थाने में उसके खिलाफ दर्ज मामले की विवेचना कर रहे उपनिरीक्षक पंजाब जाकर सुनील का बयान भी दर्ज कर चुके हैं, लेकिन अभी तक दून पुलिस को सुनील का वारंट बी नहीं मिल सका है।
28 नवंबर को सुनील कालरा के अमन विहार स्थित घर पर छापेमारी में दून पुलिस को बम बनाने का सामान मिला था। इसमें 7.62 एमएम की 10 गोलियां, ड्राई सेल, लोहे की गोलियां, कई मोबाइल फोन, लोहे की रॉड, शस्त्रों की सफाई करने का सामान, पेचकस, प्लास, इलेक्ट्रॉनिक कांम्पैक्ट स्केल (वजन मापने के लिए) व ग्रीस आदि शामिल थे। इसके अलावा गाडियों की नंबर प्लेट, भारत निर्वाचन आयोग का बिना प्रिंट किया हुआ सादा वोटर आइडी कार्ड और 123 बिना प्रिंट आधार कार्ड भी मिले थे। जिसे सभी ने पहचान छिपाने में उपयोग किया था।
जेल ब्रेक का एक और आरोपी परमिंदर उर्फ पैंदा और सुनील कालरा मार्च 2014 तक पंजाब की नाभा जेल में बंद थे। सुनील लुधियाना के चर्चित शिवानी मर्डर केस में नाभा जेल में बंद था। खालिस्तानी आतंकी हरमिंदर उर्फ मिंटू भी इस समय नाभा जेल में ही था। इसी दौरान पैंदा, सुनील और हरमिंदर में दोस्ती हुई। जेल ब्रेक से तकरीबन छह माह पहले देहरादून पहुंचे परमिंदर उर्फ पैंदा ने सुनील के ही घर पर शरण ली थी।
पलटन बाजार के सिमरन ज्वेलर्स के मालिक रणजीत सिंह की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही सर्राफा कारोबारियों में हड़कंप मच गया। थोड़ी देर में कोतवाली परिसर में सैकड़ों की संख्या में सर्राफा कारोबारी जुट गए। इस दौरान कुछ लोगों ने रणजीत सिंह से मिलने की कोशिश करनी चाही तो पंजाब पुलिस ने उन्हें सख्ती से रोक दिया।