रिश्वत लेने के आरोप में प्राचार्य को मिली पांच साल की सजा

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विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण शंकर राज की कोर्ट ने डिग्री कॉलेज के प्राचार्य को रिश्वत लेने के मामले में पांच साल कैद व 30 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना नहीं देने पर दो साल अतिरिक्त सजा भोगनी होगी।

अभियोजन के अनुसार, सात मार्च 2011 को डिग्री कॉलेज द्वाराहाट के प्राचार्य हरि राम तिरुवा के खिलाफ कॉलेज में ही कार्यरत संविदा कर्मचारी चंद्रा चौहान ने विजिलेंस एसपी को शिकायती पत्र भेजा। जिसमें उसने संविदा अवधि बढ़ाने के एवज में दस हजार अथवा मोबाइल की डिमांड कर उत्पीड़न का आरोप लगाया।

11 मार्च को एसपी विजिलेंस आरपी शर्मा द्वारा निरीक्षक हरक सिंह फिरमाल के नेतृत्व में ट्रेप टीम का गठन किया और उसी दिन दस हजार रिश्वत लेते धर दबोचा। भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम नैनीताल की कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया। अभियोजन की ओर से संयुक्त निदेशक विधि सोहन चंद्र पांडेय द्वारा सात गवाह पेश किए गए। हैरानी वाला तथ्य यह रहा कि शिकायतकर्ता चंद्रा चौहान आरोप से मुकर गई और पक्षद्रोही बन गई।

कोर्ट ने अधिनियम की धारा सात के तहत पांच साल कैद व 10 हजार जुर्माना व धारा 13 के तहत पांच साल कैद 20 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। कोर्ट ने फैसले के बाद दोषी प्राचार्य को पुलिस ने हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।