देहरादून, नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (एनएपीएसआर) ने निजी स्कूलों की मनमानी पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर मुख्य शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग पर सनिजी स्कूलों को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया। कहा कि यदि जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी स्कूलों पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो मजबूरन उन्हें भूख हड़ताल का कदम उठाना होगा। उन्होंने एक सप्ताह में कार्रवाई न किए जाने पर पीआईएल दायर करने की भी चेतावनी दी।
उग्र आंदोलन की चेतावनी
एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा पैन्यूली को देहरादून के 10 निजी स्कूलों पर कार्यवाही के लिए ज्ञापन प्रेषित किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि, “संबंधित स्कूलों पर कार्रवाई के मामले में पूर्व मुख्य शिक्षा अधिकारी को भी ज्ञापन दिए गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। यदि एक सप्ताह मे सभी समस्याओं का निवारण नही हुआ तो एसोसिएशन द्वारा जो भी उग्र आंदोलन भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी। इसके अलावा संगठन की ओर से मांगों को लेकर न्यायालय में पीआईएल दायर करने की बात भी कही।”
ज्ञापन में यह भी स्प्ष्ट किया गया है कि अभिभावकों द्वारा विभाग को मई वर्ष 2018 में भिन्न भिन्न समस्याओं जैसे स्कूलों द्वारा एनसीईआरटी का पालन न करना, प्राइवेट पब्लिशर की महंगी पुस्तकें लगाना, वार्षिकोत्सव व वार्षिक शुल्क के नाम पर अवैधानिक रूप से शुल्क वसूली, नियम विरुद्ध मासिक शुल्क व्रद्धि, अदर ड्यू, स्पोर्ट्स-डे, एक ही दुकान से पुस्तकें व ड्रेस खरीदने के लिए बाध्य करना आदि के सम्बंध मे शिकायती पत्र दिए गए थे। लेकिन, इसके बाद भी केवल नोटिस जारी करके और जांच का आश्वासन देकर ही अभिभावकों को पूरा सत्र स्कूलों की मनमानियों को झेलने व प्रताड़ित होने के लिए बाध्य किया गया। साथ ही कुछ स्कूलों द्वारा आरटीई वाले बच्चों से शुल्क वसूला जा रहा है, जिसके साक्ष्य भी संलग्न किए गए।
नहीं हुई कोई कार्रवाई
इसके अलावा बीते वर्ष 28 नवंबर को एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य शिक्षा अधिकार से मिला भी था। जिसके बाद विभाग की ओर से कार्रवाई का आश्वाशन दिया गया कि अभिभावक संघ यदि एक बार पुनः पूर्ण विवरण के साथ विभाग को एक ज्ञापन और प्रेषित कर दे। ताकि स्कूलों पर विभाग द्वारा दिये गए पुराने नोटिस का संज्ञान लेते हुए उचित कानूनी कार्यवाही अवश्य की जाएगी। जिसके बाद एक बार फिर ज्ञापन प्रेषित किया गया। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिससे अभिभावकों में भारी रोष है।
मनमानी आज भी बदस्तूर जारी
इतना ही नहीं जिले के चार स्कूलों की मनमानियों को लेकर साक्ष्य भी उपलब्ध कराए गए थे। जिसपर तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी एसबी जोशी ने जांच टीमों का गठन भी किया था। जिनमे बीओ रायपुर व बीओ विकासनगर के साथ छरबा व ऋषिकेश के प्रधानाचार्य को भी शामिल किया गया था। जिनमें जीएमएस रोड, कारगी, नेहरुग्राम स्थित चार स्कूलों की जांच विमल कुमार बाबू द्वारा की गई थी। जिनमें अभिभावकों द्वारा लगाए गए सभी आरोपों की पुष्टि जांच टीम द्वारा की गई थी। लेकिन बाकी छह स्कूलों की जांच बीओ रायपुर कर रहे थे। जिनके द्वारा क्या जांच की गई उसका कोई प्रमाण अभी तक नहीं हुआ है। साथ ही जिन स्कूलों पर आरोप सिद्ध हुए थे अभी तक उन पर भी शिक्षा विभाग की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इन स्कूलों की मनमानी आज भी बदस्तूर जारी है। उन्होंने जल्द मामले में सकारात्मक कार्रवाई किए जाने की मांग की।
एसोसिएशन ने कहा कि यदि निजी स्कूलों की मनमानी इसी प्रकार चलती रही और शिक्षा विभाग द्वारा इन पर नियमानुसार कोई कार्यवाही एक सप्ताह के भीतर नहीं की जाती है, तो नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (एनएपीएसआर) द्वारा अभिभावकों के हित के लिए वैधानिक रूप से उग्र आंदोलन और भूख हड़ताल करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। यदि फिर भी कोई निष्कर्ष नहीं निकलता है तो एसोसिएशन द्वारा एक जनहित याचिका दायर करने को बाध्य होना पड़ेगा। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शिक्षा विभाग व उत्तराखंड सरकार की होगी। ज्ञापन देने वालों मे अध्यक्ष आरिफ खान, महासचिव सरदार हरकिशन सिंह व सचिव विशाल चौहान शामिल थे।
इन स्कूलों की है शिकायत
– द इंडियन अकेडमी नेहरुग्राम,
– दिल्ली पब्लिक स्कूल काला गांव
– रक्षा अनुसंधान रायपुर
– दूनवर्ल्ड स्कूल अधोइवाला
– दून सरला अकेडमी कारगी
– हिमालयन पब्लिक स्कूल कारगी चौक
– ओलम्पस हाई स्कूल जीएमएस रोड
– स्कॉलर होम राजपुर रोड