आम नागरिको में पढाई-लिखाई की प्रवृत्ति को बढ़ाने के लिए एवं जागरूकता में वृद्धि के उद्देश्य से लगाये जाने वाले विश्व पुस्तक मेला के आयोजन को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत ने समीक्षा की। ‘पढेगा उत्तराखण्ड और बढेगा उत्तराखण्ड’ थीम को लेकर परेड ग्राउण्ड में लगाई जाने वाले विश्व पुस्तक मेला का आयोजन 28 अगस्त, 2017 से 05 सितम्बर, 2017 के मध्य होगा। पुस्तक मेला का उद्घाटन राज्यपाल डाॅ.कृष्ण कांत पाल एवं मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा। इस संबंध में उच्च शिक्षा मंत्री ने प्रेस वार्ता भी की।
एन.बी.टी. के अधीन लगाई जाने वाले विश्व पुस्तक मेला में लगभग 200 प्रकाशको के स्टाॅल लगने की आशा की गई है। 2019 तक पूर्ण साक्षरता का लक्ष्य हासिल करने में यह पुस्तक मेला सहयोगी होगा। 9 दिवसीय विश्व पुस्तक मेला में प्रतिदिन सुबह 11 बजे से सायं 8 बजे तक अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
विचार गोष्ठी, बौद्धिक परिचर्चा, सांस्कृतिक कार्यक्रम, विश्व विद्यालय, अन्र्तविद्यालय प्रतियोगिता के आयोजन में प्रख्यात साहित्यकार, शिक्षाविद् एवं समाजसेवी को आमंत्रित किया गया है। आम नागरिको को न्यूनतम 10 प्रतिशत की छूट पुस्तको पर होगी। जो छात्र अपने पहचान पत्र के साथ आयेंगे, उन्हें 20 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसके अतिरिक्त महापुरूषों से संबंधित पुस्तकों पर 20 प्रतिशत की छूट होगी।
पुस्तक मेला का उद्देश्य उत्तराखण्ड के छात्र-छात्राओं में पढ़ने की अभिरूचि को जगाना है तथा विश्व स्तरीय पुस्तकों की उपलब्धता आमजन तक पहुंचाना है।इस अवसर पर संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा सविता मोहन, उप निदेशक हर्षवन्ती बिष्ट, प्राचार्य डी.ए.वी. देवेन्द्र भसीन, सहायक निदेशक एन.बी.टी. मयंक सुरोलिया आदि उपस्थित थे।