मिट्टी के बर्तनों का व्यवसाय: लागत ज्यादा, आमदनी कम

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हरिद्वार। आधुनिक दौर में भी पारंपरिक चीजों का महत्व कम नहीं हुआ है। गर्मी आते ही लोग-बाग मिट्टी के बने मटके और सुराही की खरीददीरी करते हैं, इससे की मीठा-ठंडा पानी पीने को मिल सके। देश-दुनिया में उपभोक्तावाद की बढ़ती भूख ने कई पारंपरिक उद्योग-धंधों को लील लिया है, जो धंधे बचे हैं अपने अस्तीत्व को बचाने के लिए बाजार से जूझ रहे हैं। इनमें से एक है कुम्हार व्यवसाय अर्थात मिट्टी के बर्तनों का व्यवसाय।
मिट्टी के बर्तन बेचना भी चुनौती
मिट्टी से बनने वाले घड़े समेत कुम्हारों द्वारा बनाये जाने वाले अन्य समानों का चलन काफी कम हो गया है। बदलते दौर और बदलते परिवेश की चकाचौंध में लोग पुरानी चीजों को भूलते जा रहे हैं। तीर्थनगरी में कई कुम्हार परिवार हैं, जो पिछले कई दशकों से मिट्टी के बर्तनों का कारोबार करते आ रहे हैं। कुम्हार बताते हैं कि सालों पहले गर्मियों में इनके द्वारा बनाये जाने वाले मिट्टी के घड़ों की खूब डिमांड थी। गर्मियों में रोजाना 30 से 35 घड़े बिक जाते थे लेकिन अब हालत ये हो गए हैं कि एक दिन में पांच से दस घड़े बेचना भी बहुत मुश्किल है।
लागत ज्यादा, आमदनी कम
कुम्हारों का कहना है कि बाजार में फ्रीज, कूलर, थर्मस आदि की उपलब्धता के चलते घड़े सहित मिट्टी के बर्तनों की डिमांड धीरे-धीरे खत्म हो रही है। बिक्री न होने के चलते अब मिट्टी के काम से जुड़े कुम्हार इस कारोबार से मुंह मोड़ने लगे हैं। उन्होंने बताया कि कई परिवार ऐसे भी हैं जो इस कारोबार को छोड़कर अन्य कारोबार कर रहे हैं। कुम्हार राजकुमार का कहना है कि इस काम में लागत ज्यादा लग रही है और बिक्री बेहद कम है। मिट्टी के बर्तनों से जुड़े व्यापार में घाटा उठाना पड़ रहा है। कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो अभी भी मिट्टी के घड़े के पानी के महत्व को खूब समझते हैं। लेकिन, ये गिनती मात्र के लोग हैं। मिट्टी के बर्तनों का कारोबार करने वाले कुम्हार इस काम को समेटने लगे हैं।
नया प्रयोग
बाजार की प्रतिस्पर्धा में जगह बनाने के लिए मिट्टी के बर्तनों के घटते व्यवसाय के बाद भी अब घड़े को बाजार में नए कलेवर उतारा है। घड़ों में पानी निकालने के लिए टोंटी लगाई गई है। इसके साथ ही घड़ों को नया आकर भी दिया जा रहा है। इससे वह गर्मी में ठंडा पानी देने के साथ देखने में भी सुंदर लगे। बावजूद इसके घड़ों की मांग कम होने से कुम्भकारों में निराशा है।
हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/अमर

Submitted By: Edited By:  amar Bahadur Published By: Pavan Maurya at May 13 2019 4:18PM