ऋषिकेश, देशभर के साथ धर्मनगरी ऋषिकेश में घट स्थापना के साथ शारदीय नवरात्रि उत्सव का आगाज हुआ। प्रथम दिन रविवार को मां शैलपुत्री की उपासना हुई। दिनभर मंदिराें में भक्ताें का तांता लगा रहा।
नवरात्रि के पहले दिन मठ-मंदिरों, शक्ति केंद्रों और घरों में कलश स्थापना के साथ ही मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। शीशम झाड़ी स्थित मां कात्यायनी के मंदिर में सुबह घट स्थापना की गई। मंदिर के संस्थापक गुरुविंदर सलूजा की देखरेख में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान भी प्रराम्भ हो गए।
दिनभर मंदिर में मां की उपासना के लिए श्रद्वालुओं का तांता लगा रहा। मनीराम मार्ग स्थित श्री दुर्गा शक्ति मंदिर में नवरात्रि उत्सव के आगाज पर सुबह खेत्री पूजन किया गया। इस दौरान मंदिर समिति के अध्यक्ष संदीप मल्होत्रा, सांस्कृतिक सचिव ज्योति शर्मा आदि मोजूद रहे।
उधर, रायवाला क्षेत्र अंतर्गत प्रतीतनगर के सिद्वपीठ होशियारी माता मंदिर में भी घट स्थापना के साथ धार्मिक अनुष्ठानों का श्री गणेश हुआ। शारदीय नवरात्रि रविवार से शुरू हुआ जिसमें पहले दिन मां शैलपुत्री का पूजन हुआ। मठ-मंदिरों और घरों में श्रद्धालुओं ने कलश स्थापना कर मां का आह्वान किया। मां शैलपुत्री की उपासना करने से व्यक्ति को धन-धान्य, ऐश्वर्य, सौभाग्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार शैलराज हिमालय की पुत्री होने के कारण मां के इस रूप का नाम शैलपुत्री पड़ा। मां शैलपुत्री का वाहन बैल होने के कारण इन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है। मां शैलपुत्री के दो हाथों में से दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल सुशोभित है।