आज से माँ दुर्गा के नौ रूपों यानी नवरात्रों का प्रारंभ हो गया है चैत्र माह से शुरु होने वाले इन नवरात्रो का विशेष महत्व है।आज घरों में माँ दुर्गा के शैलपुत्री रूप की पूजा की जा रही है,लोग व्रत आदि रखकर माँ दुर्गा से खुशहाली की कामना करते हैं। वहीं ऋषिकेश में नवरात्र कुछ अलग रंग भी देखने को मिले यहाँ विदेशियों ने नवरात्र के महत्व के विषय में जाना।सौम्य नाम विक्रम संवत 2073 के शुभारम्भ पर आज नवरात्र का पहला दिन है।मंदिरों में दुर्गा के रूप माँ शैली पुत्री की पूजा हो रही है। पर्वत पुत्री होने के कारण माँ दुर्गा के इस स्वरुप को शैल पुत्री का नाम मिला है माँ का वास पर्वत पर है इस कारण वह प्रकृति की अधिशष्टि है जो पूर्व जन्म में महाराजा दक्ष की पुत्री थी। गंगा तट पर ऋषिकेश में सुबह से स्नान कर लोग माँ के दर्शन कर रहे है और घरो में हरियाली लगाई जा रही है।
नवरात्र के चलते बाजारों में रौनक बढ़ गयी है।बाजारों में पूजन सामग्री की दुकानो में काफी भीड़ नजर आ रही है। बाजार में फलों के साथ साथ जौ और नारियल की कीमतों में उछाल आ गया है। चैत्र नवरात्र शुरू होने के साथ ही हिन्दू नव वर्ष भी आरम्भ हो जाता है और घरो में व्रत रख हरियाली बोई जाती है और राम जन्मोत्सव मनाया जाता है। ऋषिकेश में भी नवरात्रो के इस पर्व की शुरुवात श्रद्धालुओं ने बड़े उत्साह से की सुबह से ही गंगा स्न्नान के साथ ही माँ दुर्गा के पहले रूप शैलपुत्री की पूजा की।नवरात्र को लेकर विदेशियों में भी काफी उत्साह दिखा उन्होंने गंगा में स्न्नान कर नवरात्रों के महत्व के बारे में जाना आज से हिन्दू संवत के नए साल के साथ साथ नवरात्र का शुभारम्भ हो गया है। आज माँ दुर्गा के पहले रूप शैलपुत्री की पूजा की जा रही है , श्रद्धालु नवरात्र के इन नौ दिनों में व्रत रखकर सुख समृद्धि कामना करते है।