(बनबसा) लाॅकडाउन के चलते भारत के विभिन्न शहरों में फंसे नेपाली नागरिक भी अपने वतन को लौट रहे हैं। इसके लिए उन्हें चम्पावत जिले की सीमा पर स्थित बनबसा आना पड़ रहा है। इससे पहले जगबूढ़ा पुल पर उनकी स्क्रीनिंग हो रही है। गुरुवार को बनबसा पुल के समीप एकत्र हुए करीब ढाई-तीन सौ नेपाली नागरिकों ने उन्हें अपने देश भेजे जाने की मांग की। उन्होंने नेपाल सरकार द्वारा नहीं लिये जाने से नाराज होकर नेपाल की मौजूदा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
ये नेपाली नागरिक भारतीय प्रशासन से उन्हें छोड़ने और नेपाल सरकार सेअपने देश में लेने की मांग कर रहे थे। इन लोगों को बताया गया कि बाॅर्डर सील होने की वजह से नेपाल सरकार उन्हें अपने यहां नहीं ले रही है। इस पर उन्होंने जमकर हंगामा काटा। इन्होंने भारतीय अधिकारियों से मांग की कि वे नेपाली अधिकारियों से वार्ता कर उन्हें उनके देश भिजवाएं, जिस पर अधिकारियों ने उन्हें समझा-बुझाकर बामुश्किल शांत कराया।गौरतलब है कि नेपाल सरकार द्वारा भारत के विभिन्न प्रांतों से आ रहे नेपाली नागरिकों को लेने से लगातार मना किया जा रहा है। इसके फलस्वरूप बनबसा टनकपुर में करीब 1000 नेपाली नागरिकों का जमावड़ा हो गया है। इनकी वजह से स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
भारतीय प्रशासन को चम्पावत और पिथौरागढ़ जिले के आ रहे प्रवासियों के साथ-साथ नेपालियों के भी खाने पीने रहने का बंदोबस्त करना पड़ रहा है। यह मुसीबत दिनों दिन बढ़ती जा रही है। भीड़ को नियंत्रित करने और शारीरिक दूरी के नियम का पालन कराने में पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। जगबूढ़ा पुल के समीप इकट्ठा नेपाली लोगों के हंगामा करने पर एसडीएम दयानंद सरस्वती, सीओ विपिन चंद्र पंत व एसओ बनबसा जसवीर चौहान मौके पर पहुंचे। एसडीएम व सीओ ने उनसे बातचीत की और उन्हें समझाबुझा कर शांत किया। एसडीएम दयानंद सरस्वती ने बताया कि उन्होंने मामले से डीएम को अवगत करा दिया है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को करीब 500 नेपाली नागरिक यहां पहुंचे हैं। उनके रहने के लिए बनबसा व टनकपुर के स्कूलों में प्रबंध किया गया है।