आपदा के सात साल बाद भी नहीं बना पुल, जान जोखिम में डालकर कर रहे आवाजाही

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चमोली जिले के देवाल विकासखंड के ओडर क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीण अपने घरों तक पहुंचने के लिए उफनती पिंडर नदी पर श्रमदान से बनाये गये लकड़ी के पुल से आवाजाही को मजबूर हैं। आपदा के सात साल बाद भी यहां पुल नहीं बन पाया है। ग्रामीण हर साल श्रमदान से नदी पर लकड़ी का पुल बनाते हैं जो हर वर्ष बरसात में बह जाता है लेकिन सरकार व प्रशासन को अभी तक यह सुध नहीं आयी कि इन गांवों के ग्रामीणों के लिए स्थायी पुल का निर्माण करवाया जा सके।
2013 की आपदा से पहले देवाल विकास खंड के ओडर क्षेत्र के गांवों को जोड़ने के लिए पिंडर नदी पर जिला पंचायत का एक पुल हुआ करता था। जो 2013 कि आपदा के दौरान बह गया था। यह पुल ओडर, ऐरठा, बजई सहित आधा दर्जन गांवों के सैकडों ग्रामीणों की आवाजाही का एक मात्र विकल्प था। आपदा के बाद जब पुल बह गया तो ग्रामीणों की गुहार पर लोक निर्माण विभाग ने यहां ग्रामीणों की आवाजाही के लिए ट्रॉली लगवायी है, लेकिन केवल बरसात के दिनों में इस ट्रॉली का लाभ ग्रामीणों को मिल पाता है। बाकी पूरे नौ माह ग्रामीण अपने खुद के संसाधनों से श्रमदान कर नदी के ऊपर लकड़ी डालकर पुल बनाते हैं ताकि आवाजाही हो सके।
ग्रामीणों की माने तो शासन-प्रशासन से गुहार लगाते-लगाते पूरे सात साल हो गए हैं। चुनावों में इन गांवों के ग्रामीणों को पुल बनाये जाने के सपने तो दिखाये जाते हैं लेकिन चुनाव खत्म होते ही दोबारा इन लकड़ी के पुलों से ही ग्रामीण आवाजाही को मजबूर हो जाते हैं।
ओडर के क्षेत्र पंचायत सदस्य पान सिंह गडिया, प्रधान खीम राम व प्रेमा गडिया कहते हैं कि 2013 की आपदा में उनके गांव को जोड़ने वाला पुल बह गया था लेकिन तब से लगातार शासन-प्रशासन से पत्राचार के बावजूद भी अब तक उन्हें पुल की सौगात नहीं मिली। लिहाजा ग्रामीण जान हथेली पर रखकर लकड़ी के पुल से ही आवागमन को मजबूर हैं। कहते हैं कि हर साल ग्रामीण स्वयं ही श्रमदान से लकड़ी का अस्थायी पुल बनाकर जान जोखिम में डाल कर आवाजाही कर रहे हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग (थराली) जगदीश रावत ने कहा कि आपदा में बहा पुल लोक निर्माण विभाग का नहीं था। ग्रामीणों के कहने पर  2014 में विभाग ने यहां पर ट्रॉली लगवाई थी जो केवल बरसात के दिनों में सुचारू रूप से चलाई जाती है। शासन स्तर पर उनके विभाग से पुल का आगणन तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश मिले हैं जल्द ही आगणन तैयार कर शासन को भेजा जाएगा।