स्कूलों की मनमानी के खिलाफ एक्ट लागू करने की मांग की

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देहरादून। निजी स्कूलों की मनमानी के विरोध में और सरकार द्वारा स्कूलों पर लगाम लगाने के लिए जल्द एक्ट लागू करने की मांग को लेकर ऑल उत्तराखंड पैरंट्स एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सुदेश उनियाल के नेतृत्व में जिला अधिकारी देहरादून से मिला। एसोसिएशन ने मांगों को लेकर गुरूवार को मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार को ज्ञापन भी दिया।
ज्ञापन में कहा कि ऑल उत्तराखंड पैरेंट्स एसोसिएशन बीते 15 सालों से निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ लड़ाई लड़ने का कार्य कर रही है। एसोसिएशन स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थी व उनके अभिभावकों के हितों के लिए निरंतर संघर्ष कर रही है। समय समय पर सरकार को आगाह करती आ रही है कि उत्तराखंड राज्य में पब्लिक स्कूलों की मनमानी के विरुद्ध प्रभावी एक्ट बनाया जाए, जिससे पब्लिक स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लग सके। क्योंकि उत्तराखंड राज्य में निजी स्कूल राज्य सरकार द्वारा प्रतिपादित नियमों को नहीं मानते हैं। और यदि स्कूलों की शिकायत शिक्षा विभाग में की जाती है, तो यह स्कूल शिक्षा विभाग के कायदे कानून को भी नहीं मानते या फिर लेनदेन करके मामले को रफा-दफा कर देते हैं। इतना ही नहीं विद्यार्थियों को स्कूल में भी काफी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं।
बच्चों से करते हैं मोटी कमाई
निजी स्कूलों द्वारा हर साल फीस वृद्धि कर दी जाती है। कभी एनुअल चार्ज के नाम पर उगाही तो कभी मनमाने प्रकाशक की महंगी किताबें कोर्स में जोड़ कर मोटी कमाई करने का काम स्कूल करते हैं। इसके अलावा बच्चों की यूनिफार्म हर साल बदल दी जाती है। स्कूलों में प्रशिक्षित अध्यापक भी नहीं रखे जाते। एनुअल डे के नाम पर उगाही करने के साथ ही स्कूल डायरी और कैलेंडर के नाम पर भी बच्चों से अवैध वसूली करते हैं। इतना ही नहीं बच्चों की सुरक्षा के लिए भी कोई साधन स्कूलों के पास नहीं है। ना तो स्कूल में डिस्पेंसरी है और ना ही बस में बच्चों की सुरक्षा के उपाय किए गए हैं। स्कूलों में सीसीटीवी तक की सुविधा नहीं की गई है। छात्राओं के लिए भी समुचित टॉयलेट की व्यवस्था नहीं होती। इसके बावजूद निजी स्कूल मानमानी करने में लगे हुए हैं। इन तमाम समस्याओं के विरुद्ध उत्तराखंड एसोसिएशन पिछले कई सालों से कई बार आंदोलन करती आ रही है। लेकिन सरकार ने इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया। एसोसिएशन के सचिव दीप चंद्र वर्मा ने कहा कि राज्य के शिक्षा मंत्री सार्वजनिक रूप से कई बार बयान दे चुके हैं कि सरकार इन समस्याओं के निराकरण के लिए एक्ट लाने की तैयारी में है। लेकिन, शिक्षा मंत्री के बयान भी पूर्व की भांति झूठे ही साबित हुए। ऐसे में अब इस दिशा में ठोस कार्यवाही करने की आवश्कता है। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से सीएम से जल्द सार्थक पहल करते हुए एक्ट लागू करने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल में विजेंद्र सिंह, योगेश, भानू व दीप्ति आदि मौजूद रहे।