ममता बनी क्रूर और बेटी को फेंक दिया झाडियों में

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क्या मां की ममता क्रूर हो गयी या फिर बेटियों के नाम पर आज भी लोग बेटियों को बोझ समझ कर फेंक देते हैं?  बहरहाल कुछ भी हो मगर ऐसी ही ममता की मूरत ने क्रूरता की सारी सीमाएं पार कर दीं। उसने तीन दिन की नवजात को मरने के लिए झाड़ियों में फेंक दिया, लेकिन उसे नई जिंदगी मिल गई। बच्ची का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। नवजात को सांस लेने में परेशानी हो रही है। एक-दो दिन में बच्ची के स्वस्थ होने की उम्मीद जताई जा रही है।

बुधवार रात एक होटल में काम करने वाला युवक बाजपुर रोड स्थित रेलवे क्रॉसिंग के पास झाडि़यों में शौच के लिए जा रहा था। इसी दौरान उसे बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी। इसकी सूचना उसने कोतवाली पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को एलडी भट्ट अस्पताल में भर्ती कराया। चिकित्सकों ने उसे हायर सेटर रेफर कर दिया। इसके बाद पुलिस ने बच्ची को रामनगर रोड स्थित एमपी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसका इलाज किया जा रहा है।

बच्ची डेढ़ किलो वजन की है। चिकित्सकों ने बच्ची का नाम एंजिल रखा है। अस्पताल के निदेशक डा. संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि बच्ची को सांस लेने में थोड़ी परेशानी हो रही है। इलाज किया जा रहा है। एक-दो दिन में सुधार हो जाएगा। खतरे की कोई बात नहीं है। बच्ची को गोद लेने के लिए कई फोन आ चुके हैं। बच्ची को कानूनी प्रक्रिया के तहत ही किसी को गोद दिया जा सकता है। उनका कहना है कि बच्ची तीन दिन की है।