देहरादून। नया मोटर वाहन एक्ट राज्यों के लिए समस्या का कारण बन रहा है। मोटर वाहन एक्ट 2019 आने के बाद वाहनों के प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र की अनिवार्यता के कारण समस्या बढ़ गई है। यह प्रमाण पत्र न होने पर दंड और बढ़ जाता है जिसके कारण प्रदूषण जांच केंद्रों पर लगातार कतारें लगी हुई हैं हालांकि राज्य सरकार ने कुछ दंड कम किए है उसके बाद भी जांच केंद्रों पर बड़ी संख्या में वाहनों की कतार लगना समस्या का कारण बन रहा है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सात लाख से अधिक वाहन है जबकि जांच केंनद्र सिर्फ 19। ऐसे में दंड से बचने के लिए वाहन स्वामियों को रात में भी कतार लगानी पड़ रही है।
परिवहन विभाग के अधिकरी डीसी पठोई ने शुक्रवार को बताया कि 30 सितंबर के बाद वाहनों के प्रदूषण प्रमाण पत्रों को लेकर अभियान तेज किया जाएगा लेकिन जिस गति से प्रदूषण परीक्षण हो रहा है उससे सात लाख वाहनों का परीक्षण 30 सितंबर तक होना संभव नहीं है।उनका कहना है कि 30 सितंबर तक प्रदूषण जांच के लिए छूट दी गई है, इसके लिए विभाग का प्रयास है कि और ज्यादा प्रदूषण केंद्र खोले जाए। उन्होंने माना कि इन केंद्रों पर भारी भीड़ के चलते कूपन व्यवस्था लागू की गई है।
एक दिन में 200 से 250 वाहनों का परीक्षण हो पाता है जबकि विभाग में 10 लाख से अधिक वाहन पंजीकृत है। उन्होंने माना कि यदि लोगों के पास प्रमाण पत्र नहीं होगा तो उन्हें दंड के लिए तैयार रहना होगा।