ग्राफिक एरा में बनाई कागज से विभूतियों की प्रतिमाएं, नया वर्ल्ड रिकॉर्ड

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देहरादून। ग्राफिक एरा ने एक और वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया। ये एक माह के भीतर ग्राफिक एरा के छात्र-छात्राओं का तीसरा कीर्तिमान है। ग्राफिक एरा के बी. टेक के दो छात्रों ने रद्दी कागज से विशाल प्रतिमाएं बनाकर मैक्सिको के पुराने वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़कर नया इतिहास रच दिया है।
ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के बीटेक के अंतिम वर्ष के दो छात्रों युवराज जोशी और यथार्थ जोशी ने पेपर मैशे से 33 दिन में चार विशाल प्रतिमाएं बनाई हें। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और मिसाइल मैन डॉ. अब्दुल कलाम की इन प्रतिमाओं की ऊंचाई 4.2 मीटर, चौड़ाई 4.2 मीटर और मोटाई 2.2 मीटर है। इन्हें बनाने के लिए 750 किलोग्राम रद्दी कागज और 85 लीटर एडिह्सिव का इस्तेमाल किया गया है। सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये विशाल प्रतिमाएं केवल कागज से बनाई गई हैं, इनके निर्माण में किसी धातु, तार, लकड़ी या अन्य वस्तु के ढांचे का उपयोग नहीं किया गया है।
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के परिसर में गुरुवार को एक समारोह में इन प्रतिमाओं का लोकार्पण किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्य के अपर सचिव व आईएएस दीपेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के शिक्षक और छात्र-छात्राएं इससे पहले तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड और दो राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं। एक और विश्व कीर्तिमान स्थापित करना ये दर्शाता है कि ग्राफिक एरा के छात्र-छात्राएं केवल इंटेलीजेंट ही नहीं बल्कि ब्रिलिएंट हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ ही ये संस्था का माहौल पर निर्भर करता है कि वहां के बच्चों का भविष्य कैसा होगा।
समारोह में ग्राफिक एरा ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. कमल घनशाला ने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण है कि ग्राफिक एरा के छात्र एक बार फिर दुनिया में अपने संस्थान और उत्तराखंड का गौरव बढ़ाते हुए नया कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने दोनों छात्रों को नकद पुरस्कार देने के साथ ही एम टेक और पीएचडी स्पॉन्सर करने की घोषणा की। डॉ. घनशाला ने कहा कि एक के बाद एक बनने वाले वर्ल्ड रिकॉर्ड चुनौतियों से जूझने और कुछ नया कर गुजरने की उस भावना से जुड़े हैं जिस पर ग्राफिक एरा सबसे ज्यादा ध्यान देता है। यूसर्क के निदेशक डॉ. दुर्गेश पंत ने कहा कि पूरा ग्राफिक एरा एक ऐसी प्रयोगशाला की तरह है, जहां नए नए रिकॉर्ड बनाने के साथ ही कामयाबी के नये रंग तैयार करने वाले प्रयोग पूरे साल चलते हैं। ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. संजय जसोला ने कहा कि ग्राफिक एरा ग्रुप के अध्यक्ष खुद एक शिक्षक हैं और वे युवाओं को आगे लाने के लिए हर तरह से प्रोत्साहन देते हैं। ये बड़ी कामयाबी इसी का नतीजा है।
अल्मोड़ा के रहने वाले युवराज और यथार्थ ने ग्राफिक एरा के वेस्ट पेपर रिसाइकिलिंग प्लांट के ईंचार्ज डॉ. विजय कुमार के निर्देशन में ये अनूठी कलाकृतियां तैयार की हैं। पेपर मैशे स्कल्पचर से सबसे बड़ी प्रतिमा तैयार करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड अब तक मैक्सिको की एक संस्था के नाम दर्ज है। इस संस्था ने 3.82 मीटर ऊंची, 3.46 मीटर चौड़ी और 1.15 मीटर मोटी प्रतिमा बनाकर पिछले साल गिन्नीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया था। अब ग्राफिक एरा के इन छात्रों ने उसे चुनौती दी है। गिन्नीज बुक में यह नया रिकॉर्ड दर्ज कराने के लिए दस्तावेज और साक्ष्य भेजे जा रहे हैं। इस अवसर पर ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. आरसी जोशी, वाइस चांसलर डॉ. एलएमएस पालनी, कुलसचिव डॉ. पंकज राणा, प्रतिमाएं बनाने वाले छात्रों के अभिभावक भी मौजूद थे।