हरिद्वार। तीर्थनगरी में रोक के बाद भी एनजीटी के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। प्लास्टि बैन के बावजूद गंगा घाटों पर प्लास्टिक पन्नियां, फूल, प्रसाद, कैनी गंगा किनारे धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। इतना ही नहीं नगर निगम द्वारा स्वयं एनजीटी के आदेशों का पालन नहीं किया गया है। निगम द्वारा प्लास्टिक कैन, प्लास्टिक की बोतलें, गिलास एवं फूल, प्रसाद का ठेका स्वयं आवंटित किया गया है।
गंगा तटों पर नगर निगम द्वारा संचालित दुकानें प्लास्टिक के सामानों से सजी हुई हैं, जबकि अन्य लघु व्यापारियों पर अंकुश लगाने के लिए नगर निगम द्वारा चालान की प्रक्रिया को प्रभावी रूप से लागू भी किया गया है। स्थानीय लघु व्यापारी प्रभात चौधरी का कहना है कि नगर निगम द्वारा नियमों के विपरीत ठेके का आवंटन किया गया है। लघु व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। आये दिन पुलिस लघु व्यापारियों को गंगा तटों से भगाने का काम कर रही है। लघु व्यापारियों के चालान भी काटे जा रहे हैं। जबकि स्वयं नगर निगम द्वारा संचालित ठेके की दुकानों पर प्लास्टिक, कैन, बोतलें, पन्नियों में पैक प्रसाद धड़ल्ले से गंगा तट पर बेचा जा रहा है। नगर निगम के अधिकारी भेदभाव पूर्ण नीति अपना रहे हैं। विरेन्द्र रमेश, अशोक, विजय, आदिल योगेश का कहना है कि स्वयं नगर निगम के अधिकारियों द्वारा एनजीटी के आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है। नगर निगम द्वारा समान रूप से कार्यवाही सुनिश्चित होनी चाहिये। भेदभावपूर्ण नीति ना अपनाई जाए।