वहीं दोनों ही पार्टियों के लिये सभी सीटों पर उम्मीदवार तय करना मशक्कत का काम हो गया है। राज्य में लोकसभा की पांच सीटे हैं और इनमे से पारंपरिक तौर पर पौड़ी सीट हमेशा से ही हाी प्रोफाइल रही है। पौड़ी, क्षेत्रफल के लिहाज से भी प्रदेश में लोकसभा की सबसे बड़ी सीटों में शुमार है। इस सीट पर प्रत्याशियों को लेकर दोनों ही प्रमुख सियासी दलों ने भले ही अभी पत्ते न खोले हों, मगर दोनों दलों के संभावित दावेदारों ने जुगत भिड़ानी शुरू कर दी है।
उत्तराखंड की सियासत में पौड़ी संसदीय सीट का खासा महत्व रहा है और कई बड़ी सियासी शख्सियत इस सीट ने दी हैं। फिर इस सीट का असर अन्य क्षेत्रों पर भी पड़ता है। शायद यही वजह है कि सियासी दल यहां फूंक फूंककर कदम रखते हैं। इस मर्तबा भी तस्वीर इससे जुदा नहीं है।
भाजापा ने पार्टी के बीच से आयु सीमा का बंधन हटाने के साथ ही सिटिंग सांसदों को तवज्जो देने की खबरें आ रही हैं। टिकट की दौड़ में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तीरथ ङ्क्षसह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के पुत्र शौर्य डोभाल के नाम सामने आ रहे हैं।
इन तीनों दावेदारों के दमखम को देखें तो तीरथ सिंह रावत लंबे समय से इस सीट पर सक्रिय हैं। वह पूर्व में आरएसएस के प्रचारक और अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री रहने के साथ ही 1997 में वे उप्र विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। वहीं, भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शौर्य डोभाल भी रेस में है और पिछले कुछ समय से सक्रिय हैं।
कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की बात करें तो टिहरी लोकसभा से दो बार सांसद रह चुके हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने विस चुनाव भी नहीं लड़ा था।
कांग्रेस से पूर्व काबीना मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी के साथ ही राजेंद्र भंडारी, अनुसूया प्रसाद मैखुरी व गणेश गोदियाल टिकट की दौड़ में हैं। पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी को सियासत का माहिर खिलाड़ी माना जाता है। राज्य में जब भी कांग्रेस सत्ता में रही, उन्हें मंत्री बनाया गया।
पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी दो बार विधायक रह चुके हैं और पूर्व में मंत्रिमंडल में स्थान भी मिला था। पूर्व विधायक गणेश गोदियाल को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का करीबी माना जाता है, जबकि अनुसूया प्रसाद मैखुरी कांग्रेस कार्यकाल में विधानसभा उपाध्यक्ष के साथ ही बद्री-केदार मंदिर समिति के चेयरमैन का पद संभाल चुके हैं।