सोमवार रात को उत्तराखंड में आये भूकंप से कोई भारी नुकसान नहीं हुआ है। ये जानकारी आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए दी। नेगी ने बताया कि पीडब्लूडी को भूकंप प्रभावित इलाको में सभी पुलों का निरक्षण , भूकंप के बाद पुलों को नुकसान का आंकलन करने के लिये कहा गया है।
आई जी एसडीआरएफ संजय गुंज्याल ने बताया कि भूकंप के बाद एसडीआरएफ ने रुद्रप्रयाग के कालीमठ में दो लोगो को चोट लगने की खबर के बाद उनके पास पहुचकर उनका उपचार कराया । साथ ही एसडीआरएफ की टीमें हर जनपद में तैनात है।
कमिश्नर गढ़वाल विनोद शर्मा ने बताया कि भूकंप के बाद सभी जिलाधिकारियों से रात को बात कर सभी को एक्टिव कर दिया गया था । भूकंप का ग्राफ बड़ा भी होता तो प्रशासन हर स्तर पर तैयार था। दूसरा इफ़ेक्ट का भी हम इंतजार कर रहे थे। भूकंप के केंद्र और उसका सही आंकलन रात 10:40 पर हो पाया था। एहतियात के तौर पर केंद्र सरकार ने भी एनडीआरएफ की टीम देहरादून भेज दी थी। लेकिन उस टीम को फिलहाल मूव नहीं कराया गया है।
गौरतलब है कि सोमवार रात 10:35 मिनट पर उत्तराखंड, दिल्ली और एनसीआर में तेज़ भूकंप के झटके महसूस किये गये थे। इस भूकंप की तीव्रता 5.8 थी और इसका केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाद जिले में रहा। इससे पहले भी उत्तराखंड में पिछले साल 2 दिसंबर को भूकंप के झटके महसूस किये गये थे। इसके केंद्र पिथौरागड़ जिले में था।