‘खेल महाकुंभ’ से स्पोंसर्स ने फेरा मुंह

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सूबे में ग्रामीण क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं को खोजने के लिए और प्रोत्साहित करने के लिए खेल महाकुंभ का आगाज हो चुका है, मगर दुर्भाग्य से इस बड़े कार्यक्रम को स्पोंसर्स (निवेशक) का साथ नहीं मिल रहा है। कंपनियों की तरफ से मदद को हाथ आगे न आने पर विभागीय अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें नजर आने लगी हैं। वहीं, एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों की झोली में उपेक्षा ही आई है।
युवा कल्याण निदेशालय की ओर से राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर गुरुवार को खेल महाकुंभ शुरु हो चुका है। इसमें पंचायत, ब्लाक, जनपद व राज्य स्तर पर खेल प्रतियोगिताएं होनी हैं। इसमें कबड्डी, खो-खो, एथलेटिक्स, वालीबाल, फुटबालस बैडमिंटन, टेबल टेनिस, बाक्सिंग, ताईक्वांडो, जूडो आदि खेल हैं। इस बार पांच आयु वर्गों में खेल आयोजित होंगे। ताकि सभी आयु वर्ग के खिलाड़ी को प्रतिभा दिखाने का मौका मिले। राज्य स्तर पर प्रतियोगिताएं तीन से 13 दिसंबर तक खेले जाने हैं। इसके लिए युवा कल्याण निदेशालय की ओर से खेल महाकुंभ की प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए बड़ी कंपनियों को स्पोंसर्स के रूप में कार्यक्रम से जोड़ने का प्रयास किया जा है। ताकि कंपनियों के सहयोग से विजेता खिलाडिय़ों को आकर्षक इनाम भी दिए जा सकें।
इस कड़ी में निदेशालय के अधिकारी चार-पांच देश की बड़ी कंपनियों के साथ संपर्क कर उन्हें खेल महाकुंभ से जुडऩे का आग्रह भी कर चुके हैं लेकिन अभी तक एक भी कंपनी ने हामी नहीं भरी है। कंपनियों के इस रूख ने निदेशालय के अधिकारियों की माथे पर ला दिया है। बावजूद इसके अधिकारी कंपनियों को मनाने में जुटे हैं। इस दौरान युवा कल्याण के संयुक्त निदेशक आरसी डिमरी ने बताया कि खेल महाकुंभ के लिए निवेशकों को आमंत्रित किया जा रहा है। हालांकि अभी कोई कंपनी तैयार नहीं हो पाई है लेकिन इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।