देहरादून। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय का विवादों से नाता टूटने का नाम नहीं ले रहा है। नियुक्तियों के बाद अब विश्वविद्यालय में फैकल्टी के साथ सुविधाओं और संसाधनों की कमी को लेकर छात्र-छात्राओं का गुस्सा फूटने लगा है। इसी क्रम में शुक्रवार को भारी संख्या में छात्रों ने विवि परिसर में धरना-प्रदर्शन किया। छात्रों ने कुलसचिव से मुलाकात कर जल्द मांगें पूरी करने की भी बात रखी। मांगों के पूरा न होने पर छात्रों ने आंदोलन को उग्र करने की चेतावनी दी।
उत्तराखंड आयुर्वेद विवि के आयुर्वेद संकाय से जुड़े छात्र-छात्राएं शुक्रवार को विवि परिसर में एकत्र हुए। इसके बाद जमकर नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। हालांकि कुछ देर बाद छात्र विवि कुलसचिव से मिले। जहां उन्होंने बीते काफी वक्त से चल रही अनियमितताओं के बारे में बताया। छात्रों ने कहा कि डिग्री का पहला साल बीतने के बाद भी उन्हें एनाटोमी करने के लिए डेड बॉडी प्रदान नहीं की गई। एनाटोमी की कोई प्रायोगिक कक्षाएं (शव विच्छेदन) नही होने के कारण अब तक नही हुई। ऐसे में मेउिकल के क्षेत्र में छात्र-छात्राएं किस प्रकार ज्ञान अर्जित करेंगे। छात्रों ने तीन मुख्य मांगों को लेकर कुलसचिव को ज्ञापन भी सौंपा। छात्रों ने एनाटोमी का प्रेक्टिकल के लिए जल्द व्यवस्था किए जाने की मांग की। साथ ही छात्रों ने कहा कि कक्षा का साइज भी छोटा है जिससे बैठने में दिक्कत हो रही है। ऐसे में बड़ी कक्षाओं की व्यवस्था भी जल्द से जल्द करने की मांग की। छात्रों ने कक्षाओं में प्रोजेक्ट स्थापित करने को लेकर भी ज्ञापन में अपनी मांग रखी। मामले में कुलसचिव डा. अनूप कुमार गक्खड़ ने जल्द सकरात्मक कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया। जिसके बाद छात्र शांत हुए। हालांकि छात्रों ने जल्द मांगों के पूरा न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी। इस मौके पर काफी संख्या में आयुर्वेद संकाय से जुड़े छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।