अब संस्थानों को रैंगिंग की सूचना देने के लिए अलार्मिंग सिस्टम स्थापित किया जाएगा। इसके लिए शिक्षण संस्थानों में जगह-जगह अलार्म बेल लगाई जाएगी। रैगिंग का मामला पाए जाने पर छात्र अलार्म बजाकर सूचित कर सकेंगे। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने इसे लेकर देशभर के संस्थानों को सर्कुलर जारी किया है।
रैगिंग देशभर के हायर एजुकेशन एक बड़ी समस्या बन गई है, लगातार रैगिंग के मामले सामने आते रहे हैं। यही कारण है कि आयोग ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए एंटी रैगिंग को बढ़ावा देने को कड़े नियम बनाए। एंटी रैगिंग को लेकर बनाए गए रेगूलेशन को सभी संस्थानों के लिए अनिवार्य भी किया गया। आयोग का मानना है कि रैगिंग एक अपराध है और इसे रोकना बेहद जरूरी है। आयोग के सचिव प्रो. जसपाल एस. संधू ने सर्कुलर जारी करते हुए साफ कहा कि, ‘संस्थान किसी भी स्थिति में रैगिंग के मामलों में अनदेखी न करें। उन्होंने कहा कि संस्थानों को एंटी रैगिंग को लेकर बनी गाइडलाइन को लागू करना अनिवार्य होगा। गाइडलाइन के लागू नहीं किए जाने पर आयोग ने संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की बात कही है।
शिक्षण संस्थानों में रैंगिंग के बढ़ते मामलों को देखते हुए आयोग ने पहले जहां संस्थानों में एंटी रैंगिंग सेल और विशेष कमेटियों को स्थापित करने के निर्देश दिए थे, वहीं अब संस्थानों में एंटी रैंगिंग अलार्म सिस्टम भी स्थापित किए जाने के निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं आयोग ने एक बार फिर संस्थानों को वेबसाइट पर एंटी रैंगिंग ग्रीवांस लिंक अपडेट करने के भी निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, खास तौर पर शुरू की गई हेल्पलाइन की भी जानकारी छात्र-छात्राओं के साथ साझा किए जाने के निर्देश दिए हैं, जहां रैगिंग से पीड़ित छात्र सीधे यूजीसी को शिकायत कर सकेगा। हेल्पलाइन पर 12 भाषाओं में शिकायत की जा सकेगी। छात्र यूजीसी की हेल्पलाइन 18001805522 पर फोन से संपर्क कर सीधे शिकायत कर सकते हैं।
प्रदेश स्तर पर भी की जा रही पहल
उतराखंड में रैंगिंग को रोकने के लिए आयोग से अलग प्रयास भी किए जा रहे हैं। बीते दिनों राजभवन में राज्यपाल की अध्यक्षता में एक बैठक के दौरान रैंगिंग के मामलों को भी गंभीरता से लेते हुए इसके खिलाफ एक सशक्त सिस्टम तैयार करने पर भी बल दिया गया। बैठक में राज्यपाल डॉ केके पॉल ने रैंगिंग को अत्यंत संवेदनशील बताते हुए ऐसे मामलों को सख्ती से निपटने की बात कही। उन्होंने कहा कि रैंगिंग के दुष्प्रभावों को लेकर भी छात्र-छात्राओं के बीच जागरुकता लाई जाए। इसी क्रम में उन्होंने रैंगिंग जैसे मामलों के खिलाफ आवाज उठाने और इसके खिलाफ मुहिम छेड़ने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किए जाने की भी बात कही थी। उततराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कुलपति ने बताया कि रैगिंग को रोकने के लिए वर्कशॉप आदि माध्यम से अलग से भी प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बाद भी अगर कोई मामला सामने आता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान रखा गया है। संस्थानों में अलार्म सिस्टम स्थापित होगा तो ऐसे मामलों में छात्र अलार्म के जरिए यह बता सकेंगे कि संस्थान में रैंगिंग हो रही है। अलार्म आदि की व्यवस्था किए जाने के लिए संस्थानों को निर्देश दिए जा रहे हैं। आयोग की हेल्पलाइन भी छात्रों को इसके काफी मदद करेगी।