तबादले के बाद भी कुर्सियों पर डटे अफसर

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    देहरादून, 600 करोड़ रुपये का खाद्यान्न घोटाला सामने आने के बाद भले ही शासन ने गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के वरिष्ठ विपणन निरीक्षक (एसएमआई) व विपणन निरीक्षकों (एमआई) के बड़े पैमाने पर तबादले किए हों, लेकिन तबादला होने के एक पखवाड़े के बाद भी सभी अधिकारी अपनी पुरानी कुर्सियों से चिपके हैं। सूत्रों की मानें तो एसएमआई व एमआई अंदरखाने तबादलों का विरोध कर रहे हैं। माना जा रहा है कि दीपावली के बाद कर्मचारी संगठन शासन से वार्ता कर तबादलों को स्थगित करने की मांग करेगा।

    बीते माह, खाद्यान्न घोटाला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने कुमाऊं के आरएफसी वीएस धनिक को बर्खास्त कर दिया था, वहीं राज्य में खाद्यान्न का विशेष ऑडिट कराने के साथ ही कुमाऊं से 17 एसएमआई व एमआई को तबादला गढ़वाल और गढ़वाल से इतने ही अधिकारियों का तबादला कुमाऊं मंडल में कर दिया गया था। साथ ही शासन ने उक्त अधिकारियों तत्काल नए स्थान पर नियुक्ति लेने के भी आदेश जारी किए थे, लेकिन अब तक किसी भी अधिकारी ने नए स्थान पर चार्ज नहीं लिया और सभी पुराने ही गोदामों के चार्ज संभाल रहे हैं।

    इतना ही नहीं, एक सप्ताह पूर्व इन अधिकारियों की गुपचुप बैठक भी दून में आयोजित की गई, जिसमें तबादलों का विरोध किया था। इसके अलावा कुछ अधिकारी गुपचुप तरीके से अपने तबादले को भी स्थगित कराने की जुगत में लगे हुए हैं। इसके अलावा शासन ने भी तबादलों तो कर दिए, लेकिन उसके बाद इस मामले पर शांति बनाए हुए हैं। प्रमुख सचिव खाद्यान्न एवं नागरिक आपूर्ति आनंदवर्द्धन का कहना है कि, “जिन एसएमआई व एमआई के तबादले हुए हैं। वह निश्चित रुप से नई नियुक्ति के आधार पर ही काम करेंगे, यह प्रक्रिया गतिमान है।”