पौधरोपण व उद्यानीकरण के आंकड़ेबाजी खुली डीएम के सामने

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जनपद पौड़ी गढ़वाल में जल संचय को लेकर एक बैठक में उस समय हड़कंप मच गया जब डीएम के सामने अधिकारियों के निक्मेपन की पोल खुल गई।  बैठक में कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों ने जिले में किये गए पौधरोपण के बारे में बताया।जनपद पौड़ी गढ़वाल के विकास भवन सभागार में जल संचय को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुये जिलाधिकारी सुशील कुमार ने कृषि, उद्यान आदि विभागों द्वारा पौधरोपण तथा उद्यानीकरण के क्षेत्र में की जा रही आंकड़े बाजी पर नाराजगी जताई।उन्होंने इन विभागों की ओर से ब्लाकों में किये जा रहे कामों का भौतिक निरीक्षण करने को कहा। इस मौके पर जिलाधिकारी ने पर्वतीय क्षेत्रों की प्रमुख फसलों के लिए बेहतर विपणन की व्यवस्था को विशेष रणनीति तैयार करने के निर्देश दिये। इस मौके पर कृषि तथा उद्यान समेत आदि विभागों की ओर से पौधरोपण तथा उद्यानीकरण के क्षेत्र में आंकड़ों से बेहतर काम के दावे पेश किये गये। 


डीएम ने विभागों की ओर से प्रस्तुत आंकड़ों पर नाराजगी जताते हुए उन्हें भौतिक निरीक्षण करने को कहा। समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने जल संचय के लिए पेयजल, वन, कृषि, उद्यान, जलागम, लघु सिंचाई, शिक्षा आदि विभागों की भूमिका को अहम बताया कहा कि जल संचय के लिए निर्धारित मानकों के सापेक्ष विभाग अधिक से अधिक पौधरोपण, चालखाल निर्माण आदि कामों को शीघ्र ही पूरा करें।

समीक्षा के दौरान मुख्य कृषि अधिकारी डा. डीएस राणा ने बताया कि जिले में 76 हजार से अधिक पौधरोपण का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है, जिसमें 60 हजार चारा प्रजाति की वन पौध तथा 12 हजार से अधिक फलदार प्रजाति की पौध शामिल है।

जिला उद्यान अधिकारी डा. नरेंद्र कुमार ने बताया कि, ‘जिले के विभिन्न जगहों पर 150 हैक्टेअर क्षेत्र में 53 हजार से अधिक पौधरोपण किया गया है।’ बैठक में जिलाधिकारी पर्वतीय क्षेत्रों की प्रमुख फसलों के लिए बेहतर मार्केटिंग की व्यवस्था को लेकर गंभीर दिखे। उन्होंने कृषि व उद्यान विभाग काश्तकारों को अधिक उत्पादन के लिए को मंडुवा, हल्दी, अदरक आदि के विशेषज्ञों से परामर्श करने को कहा। इसके अलावा उन्होंने कृषि समेत अन्य विभागों को पर्वतीय फसलों मंडुवा, हल्दी, अदरक आदि के लिए बेहतर मार्केटिंग का विकल्प तैयार करने तथा अच्छे खरीददारी की व्यवस्था करने को कहा।