महबूबा और उमर अब्दुल्ला बोले, अनुच्छेद 370 को हटाना कश्मीरियों के साथ विश्वासघात

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जम्मू/ नई दिल्ली,  नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने की निंदा की और इसे राज्य के लोगों के साथ विश्वासघात करार दिया।
इन नेताओं की यह प्रतिक्रिया केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सोमवार को राज्यसभा में भारतीय संविधान से अनुच्छेद 370 को खत्म करने का जो प्रस्ताव रखा, उसके बाद आई है। यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर के लोगों को विशेष दर्जा प्रदान करता है। इस प्रस्ताव में लद्दाख के साथ जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश होंगे। लद्दाख केंद्र शासित होगा, जहां विधान सभा नहीं होगी लेकिन जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित होगा और वहां विधानसभा होगी।
राज्यसभा में पीडीपी के सांसदों मीर फैयाज और नजीर अहमद लावे ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ भारतीय संविधान को फाड़ने का प्रयास करते हुए कहा कि यह कश्मीर के लोगों पर विश्वास का उल्लंघन है। उन्होंने इसके विरोध में अपने कुर्ते भी फाड़ दिये।
पीडीपी सांसदों के इस कृत्य की निंदा करते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, “मैं 2-3 सांसदों के कृत्य की कड़ी निंदा करता हूं। हम भारत के संविधान के साथ खड़े हैं। हम हिन्दुस्तान के संविधान की रक्षा के लिए जान की बाजी लगा देंगे लेकिन आज भाजपा ने संविधान की हत्या कर दी है।
इससे पहले, जम्मू और कश्मीर सरकार ने श्रीनगर में निषेधाज्ञा (धारा 144) लगा दी गई और महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और सज्जाद लोन सहित राज्य के तमाम नेताओं को नजरबंद कर दिया गया। घाटी के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से निलंबित कर दी गई हैं। यह आदेश चार-पांच अगस्त की मध्यरात्रि से श्रीनगर में लागू किया गया है और अगले आदेशों तक लागू रहेगा।