‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना को और कारगर ढंग से लागू करने के लिए और गहराई से माॅनिटरिंग करने की जरूरत है। बालक-बालिका लिंगानुपात को पटरी पर लाने के लिए पिथौरागढ़, चम्पावत, चमोली, देहरादून और हरिद्वार जिलों पर विशेष फोकस करना होगा।सचिवालय में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास की कार्यकारिणी समिति की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने ये निर्देश दिए। कहा कि उच्च अधिकारी भी जनपदों का भ्रमण कर योजनाओं को गति प्रदान करें।
बैठक में बताया गया कि आंगनवाड़ी केंद्रों में गुड्डी-गुड्डा बोर्ड लगाया गया है, लिंगानुपात की सही जानकारी ली जा रही है। आंगनवाड़ी केंद्रों पर बेटी जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। वीमेन हेल्पलाइन नम्बर 181 के जरिये महिलाओं की मदद की जा रही है।
हरिद्वार, देहरादून, उधम सिंह नगर और नैनीताल में वन-स्टॉप सेंटर स्थापित कर दिए गए हैं। इस केंद्र पर पीड़ित महिलाओं को रुकने की व्यवस्था भी की गई है। पुलिस इंस्पेक्टर, मेडिकल और अधिवक्ता की सुविधा केंद्र पर ही उपलब्ध कराई जा रही है।
चारधामों में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा आदिभोग नाम से प्रसाद बनाने का कार्य किया जा रहा है। मुख्य सचिव ने कहा कि इसी तरह की व्यवस्था जागेश्वर धाम, नंदा देवी, पूर्णागिरि आदि स्थानों पर भी किया जाय।