ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर परिवहन विभाग ने नए नियम लागू कर दिए हैं।अभी से जो लोग विभाग की कसौटी पर खरे उतरेंगे उन्हीं को मिलेगा लाइसेंस।परमानेंन्ट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अब कंप्यूटराइज्ड टेस्ट देना होगा। परिवहन विभाग रोशनाबाद में सिम्यूलेटर टेस्ट शुरू कर दिया। अब आवेदक को पहले कंप्यूटर स्क्रीन पर वाहन चलाकर दिखाना होगा।
अभी तक स्थायी लाइसेंस के लिए ही सिम्यूलेटर टेस्ट अनिवार्य किया गया है। जल्द ही लर्निंग लाइसेंस के लिए भी इसे लागू कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि परिवहन विभाग वाहन मालिकों को दो चरणों में ड्राइविंग लाइसेंस देता है। पहले लर्निंग और बाद में स्थायी लाइसेंस। अब तक टेस्ट ड्राइविंग मैन्युअल तरीके से होती रही है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा अब आवेदक को कंप्यूटराइज्ड टेस्ट देना होगा। यातायात नियमों की बुनियादी जानकारी देने और सांकेतिक चिह्नों को पहचानने के बाद वाहन चलाकर दिखाने पर आवेदक को पहले लर्निंग और कुछ महीने बाद स्थायी लाइसेंस दे दिया जाता है।
इसके लिए आवेदक को कंप्यूटराइज्ड कार में बैठाया जाता है। इसमें ड्राइवर के सामने शीशे की जगह कंप्यूटर स्क्रीन लगी होती है। स्क्रीन में वीडियो गेम की तरह यातायात के बीच वाहन चलाना होता है। खास बात यह है कि सिम्यूलेटर टेस्ट पूरी तरह ऑनलाइन है। आवेदक से चूक हुई तो रिजेक्ट होने में देर नहीं लगेगी। इसके बाद फिर से आवेदन की पूरी प्रक्रिया अपनानी होगी।
मैन्युअल टेस्ट ड्राइविंग में कई बार कम प्रशिक्षित आवेदक भी लाइसेंस हासिल करने में कामयाब हो जाते थे। दफ्तर के आसपास सक्रिय दलाल तो टेस्ट ड्राइविंग के बिना ही डीएल बनवाने का पूरा ठेका ले लेते थे। अब तक प्रति 10 आवेदकों में अमूमन आठ या नौ आवेदकों को डीएल मिल जाता था। अब इस पर लगाम लगेगी। इस प्रक्रिया से पूरी तरह प्रशिक्षित आवेदक ही ड्राइविंग लाइसेंस बनवा पाएगा।
इस विषय पर हरिद्वार के एआरटीओ प्रशासन, मनीष तिवारी ने बताया कि लर्निंग लाइसेंस पा चुके आवेदकों को स्थायी लाइसेंस के लिए सिम्यूलेटर टेस्ट शनिवार से शुरू कर दिया गया है। जल्द ही लर्निंग डीएल के लिए भी सिम्यूलेटर टेस्ट देना होगा।