प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष ने केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह केंद्रीय बजट मध्यम वर्ग के लिए शहद में लिपटी कड़वी गोलियों के अतिरिक्त कुछ नहीं है। केन्द्र सरकार का शिक्षा बजट को 2.64 फीसद से घटाकर 2.5 करना और स्वास्थ्य बजट 2.2 फीसद से घटाकर 1.98 फीसद करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि बजट में बढ़ती बेरोजगारी, किसानों की दुर्दशा, मंहगाई, और छोटे मझोले उद्योगों के अस्तित्व पर संकट के लिये कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि कृषि, जन स्वास्थ्य, शिक्षा, मनरेगा, खाद्य सुरक्षा व सामाजिक सरोकारों तथा जन कल्याण के लिए बजट आवंटन पिछले वर्ष की तुलना में कम किए गए है जो किसान-मजदूर, गरीबों, पिछड़ों, दलितों आदिवासियों के लिए खतरे की घंटी है।
उन्होंने कहा कि बजट मध्यम वर्ग के लिए शहद में लिपटी कड़वी गोलियों के अतिरिक्त कुछ नहीं है। उन्होंने बजट में आयकर में सुधार किये जाने जाने की बात की जा रही है लेकिन इस व्यवस्था में छूट देने के प्रावधान नहीं हैं। बजट में अमृत काल में भी उद्योगपतियों को अधिक रियायतें दी गई हैं, लेकिन असंगठित क्षेत्र की उपेक्षा जारी है। इससे महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी का बढ़ना तय है।