स्पाइनल इंजरी भी जिसके सामने मात खा गई ऋषिकेश के धनवीर भंडारी

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ऋषिकेश,कहते हैं जिंदगी इम्तिहान लेती है कभी-कभी यह इम्तहान इतने लंबे हो जाते हैं इंसान अपनी हार मान लेता है, लेकिन ऋषिकेश के धनवीर भंडारी ने अपनी शारीरिक कमजोरी को पीछे छोड़ कर योग और खेल की दुनिया में कदम बढ़ाने शुरू कर दीये  है।

अगर दिल में कुछ करने का जज्बा हो तो आपकी शारीरिक कमजोरी भी ताकत में बदल जाती है। खेल, योग और आर्मी का सपना देख रहे हैं ऋषिकेश के धनवीर सिंह भंडारी के जीवन में एक घटना ऐसी घटी कि जिंदगी बोझ सी बन गई अौर हर जगह निराशा और अंधेरा ही नजर आने लगा। ऐसे में भारतीय योग ने धनवीर को जीने की एक किरण दिखा दी और धीरे-धीरे योग के प्रैक्टिस में स्पाइनल इंजरी से बेड में पड़े धनवीर को इतनी ताकत दी कि अब वह चलने फिरने लगे हैं।

दिल में देशभक्ति का जज्बा और आर्मी में भर्ती होने का सपना धनवीर सिंह भंडारी का भी था और वह उसकी तैयारी में लगा भी रहता ,था लेकिन एक रोड एक्सीडेंट ने उसकी जिंदगी ही बदल कर रख दी। कई साल निराशा के बीच बेड पर पड़े-पड़े ही कट गये लेकिन हिम्मत और जज्बे ने उसकी जिंदगी को योग की ओर मोड़ दिया। भारतीय योग में चमत्कार दिखाकर धनवीर को अपने पैरों पर खड़े होने का हौसला दे दिया।

एलपीयू यूनिवर्सिटी में 2018 के विस्तार चैंपियनशिप में धनवीर सिंह भंडारी ने 2 सिल्वर और एक गोल्ड मैडल के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर सबको आश्चर्यचकित कर दिया। अब धनवीर चाहते हैं कि उनके जैसे अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह की स्पाइनल इंजरी शारीरिक क्षमता से पीड़ित है तो वह उनसे संपर्क करके उस से उभरने में मदद ले सकता है। जिससे जीवन को जिया जा सके।

कहते हैं हौसलों की उड़ान उनको ही मिलती है जो जिंदगी से कदमताल करते हुए चलते हैं धनवीर की कहानी भी कुछ इसी तरह के जज्बे को दिखाती है।