परमार्थ निकेतन पहुंचे पंकज मोदी

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ऋषिकेश,  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाई पंकज मोदी परमार्थ निकेतन पहुंचे। इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने पंकज मोदी , अहमदाबाद, गुजरात के प्रसिद्ध जगन्नाथ मन्दिर के महंत तपस्वी दिलीप दास महाराज, प्रविण भाई कोट्क एवं अन्य अतिथियों से विभिन्न मुद्दाें पर चर्चा की।
गुजरात राज्य में पौधरोपण, ऋषिकेश से देवबन्द तक ‘अमन-एकता हरियाली यात्रा’ की सफलता, एकल उपयोग प्लास्टिक को बंद करने जैसे विषयों पर चर्चा करते हुए स्वामी ने अपनी हाल ही में हुई गांधी आश्रम, अहमदाबाद यात्रा के विषय में विस्तृत चर्चा की।
चिदानन्द सरस्वती स्वामी ने पंकज मोदी को बताया कि ‘अमन-एकता हरियाली यात्रा’ सफल रही। अब आगे यह यात्रा हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के लोग मिलकर अहमदाबाद, गुजरात के विद्यालयों, गुरुकुलों, मस्जिदों, विश्वविद्यालयों, मन्दिरों और सार्वजनिक स्थलों पर आयोजित की जा रही है।
इस हरियाली यात्रा के माध्यम से  स्थानीय लोगों को पर्यावरण एवं जल संरक्षण का संदेश दिया जाएगा। 2 और 3 अक्टूबर को नरेन्द्र मोदी के सान्निध्य में साबरमती आश्रम, अहमदाबाद में महात्मा गांधी की 150 वीं जन्म जयंती मनाई जाएगी।
चिदानन्द सरस्वती स्वामी ने पंकज मोदी को आगामी 24 सितम्बर, 2019 से गांधी जयंती, 2 अक्टूबर तक हरिजन सेवक संघ के तत्वाधान में अन्य संस्थाओं के सहयोग से मनाई जाएगी। इसमें संत मोरारी बापू गांधी आश्रम, दिल्ली में ‘श्री गांधी कथा’ करेंगे। इसमें भाग लेने के लिए सभी को आमंत्रित किया। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर महात्मा गांधी एवं कस्तूरबा गांधी की 150 वीं जन्म जयंती मनायी जाएगी।
स्वामी का कहना है कि, “मानव और पर्यावरण एक-दूसरे से परस्पर जुड़े हुए हैं। मानव कल्याण और विकास का सीधा सम्बंध पर्यावरण से है। स्वच्छ पर्यावरण के बिना मानव विकास लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता है। प्रत्येक मनुष्य को जागरूक होकर पर्यावरण संरक्षण कि लिए मिलकर कार्य करना होगा। ‘अमन-एकता हरियाली यात्रा’ यही संदेश देती है।”
उन्होंने बताया कि, “हम प्रतिवर्ष पर्यावरण को समर्पित श्री रामकथा का आयोजन करते हैं और उसके माध्यम से अनेक पर्यावरणीय और सामाजिक समस्याओं को उजागर करते है साथ ही विशेषज्ञों को आमंत्रित कर उन समस्याओं के समाधान पर भी चर्चा की जाती है।”
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने अहमदाबाद, गुजरात के प्रसिद्ध जगन्नाथ मन्दिर के महंत तपस्वी दिलीप दास महाराज से कहा कि, “साबरमती आश्रम में परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश की तर्ज पर साप्ताहिक आरती का क्रम शुरू किया गया है। उस दिव्य और भव्य आरती को सभी मिलकर दैनिक किया जाना चाहिए।”