हरिद्वार, ममता को एक कलयुगी दम्पत्ति ने कलंकित किया है। डेढ़ वर्ष के मानसिक विक्षिप्त मासूम को माता-पिता ट्रेन की बोगी में छोड़कर चले गए। बच्चे को छोड़ने के साथ उसके कपड़े भी छोड़ दिए गए। चैकिंग के दौरान बोगी से बच्चे की रोने की आवाज पर पुलिस ने बच्चे को बरामद किया और जिला चिकित्सालय उपचार के लिए ले जाया गया। बाल चिकित्सक न होने के कारण निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जीआरपी प्रभारी अनुज सिंह ने बताया कि गुरुवार की रात्रि पुलिस रेलवे प्लेटफार्म पर ट्रेनों की चौकिंग कर रही थी। इसी दौरान प्लेटफार्म नं. दो पर खड़ी जनता एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी में एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। देखा तो करीब डेढ़ वर्ष का बच्चा बोगी में अकेला पड़ा रो रहा था। बच्चे के पास उसके कपड़े भी रखे हुए थे। आसपास तलाश करने के बाद बच्चे का कोई भी वारिश नहीं मिला।
पुलिस बच्चे की हालत को देखकर उसे उपचार के लिए जिला चिकित्सालय ले गई। जहां बाल चिकित्सक न होने के कारण उसे रानीपुर मोड़ स्थित एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया। जहां उसका उपचार चल रहा है। बच्चा मानसिक रूप से अस्वस्थ बताया गया है। पुलिस बच्चे के परिजनों की तलाश में जुटी है।