लापता बच्चे की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं मां बाप

ऋषिकेश में लगातार अपराधिक घटनाएं बढ़ने लगी है। कुछ सालों से देखने में आया है कि अपराधियों की नजर छोटे बच्चों पर टिकी हुई है जिसके चलते तीर्थनगरी से लगातार बच्चे गायब हो रहे हैं, तो वहीँ पुलिस हाथ पर हाथ रख कर बैठी रहती है, ताउम्र माँ- बाप बच्चों की तलाश में दर दर की ठोकर खाते रहते है, उन्हें सिर्फ आश्वासन मिलते हैं।

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हर मां-बाप का सपना होता है कि उनका बच्चा बुढ़ापे में उनकी लाठी बनेगा और उसके भविष्य के लिए कई योजनाएं बनाते हैं, लेकिन ऐसे मां-बाप का क्या जो ताउम्र अपने बच्चों की तलाश में एक उम्मीद बांधे बैठे रहते हैं। ऐसी ही घटना ऋषिकेश के सुदामा मार्ग में रहने वाले जगेंद्र के परिवार के साथ गुजरी, जिसका 10 वर्षीय बेटा हार्दिक घर के बाहर से खेलते हुए 3 जून को लापता हो गया,गजेंदर ने  इसकी गुहार विधानसभा स्पीकर ,नगर पालिका अध्यक्ष और पुलिस प्रशासन के पास बार-बार लगाए लेकिन 25 दिन बीतने के बाद भी गजेंद्र को बेटे के लिए सिर्फ आश्वासन मिले।

एक छोटी फैक्ट्री में काम करने वाली हार्दिक की मां का रो रो कर बुरा हाल है ,उनका कहना है कि यदि किसी अमीर का बेटा शहर से गायब होता तो बाजार बंद हो जाता, पुलिस अलर्ट हो जाती लेकिन हम गरीबों की सुनने वाला कोई नहीं है। सिर्फ यह आश्वासन मिल रहा है कि भगवान पर भरोसा रखो, लेकिन आज 25 दिन होने के बाद भी जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है। तीर्थ नगरी ऋषिकेश में चार धाम यात्रा चल रहा है जिसके चलते देश भर से श्रद्धालु यहा पहुंच रहे हैं ऐसे में उठाईगिरी और बच्चा चोर गिरोह भी सक्रिय है जिस पर प्रशासन काबू नहीं पा रहा है, ऐसे में बच्चे चोरी की बढ़ती घटनाएं पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान लगाती है.