चिकित्सकों की मनमानी झेल रहे हैं मरीज

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देहरादून, उत्तराखंड का सबसे बड़ा चिकित्सालय मनमानी का शिकार है। राजधानी देहरादून के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के रूप में स्थापित दून मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक मनमर्जी पर अमादा हैं। स्थिति यह है कि आपात व्यवस्था का बहाना बनाकर चिकित्सक ओपीडी के नाम पर अपने कक्ष में नहीं मिलते जिसके कारण मरीजों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ओपीडी के नाम पर चिकित्सक कहां गए हैं, इसका कुछ पता नहीं चलता जिसके कारण रोगियों को निरंतर समस्या झेलनी पड़ रही है। ऐसा नहीं है कि इस बात की जानकारी दून मेडिकल काॅलेज के जिम्मेदार लोगों को नहीं है। दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा भी मानते हैं कि कई बार चिकित्सक गायब रहते हैं।
डाॅ. केके टम्टा का कहना है कि दोपहर दो बजे ओपीडी कक्षों के निरीक्षण के दौरान कई बार चिकित्सक नहीं मिले। डॉ. टम्टा का कहना है कि नियमानुसार अस्पताल की ओपीडी सुबह 9 बजे से संचालित होती है और निरंतर 2 बजे तक चलती है। प्रायः चिकित्सक विभिन्न वार्डों मे भर्ती रोगियों को देखने के लिये प्रातः दस बजे से भ्रमण पर रहते हैं जिसके कारण वाह्य रोगियों की चिकित्सा बाद में करते हैं लेकिन कई बार भ्रमण के नाम पर ही यह चिकित्सक नहीं बैठते और कई चिकित्सक तीन बजे से पहले ही ओपीडी छोड़ देते हैं, उन डॉक्टरों की सूची प्राधानाचार्य को भेज दी जाती है।
डाॅ. टम्टा ने कहा कि  सीनियर रेजिडेंट और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ कॉलेज प्राचार्य ही कार्रवाई कर सकते हैं। जबकि असिस्टेंट प्रोफेसर स्तर के चिकित्सक के खिलापफ कार्रवाई करने का अधिकार शासन स्तर के पास है जिसके कारण चिकित्सकों पर समुचित कार्यवाही नहीं हो पाती। 
उत्तराखंड की राजधानी का दून मेडिकल काॅलेज प्रदेश का सबो बड़ा अस्पताल है जहां पूरे मंडल के रोगी ही नहीं हिमाचल और उत्तर प्रदेश रोगी भी देहरादून में इलाज कराने आते हैं लेकिन चिकित्सकों के न बैठने के कारण उन्हें कई बार मायूस होना पड़ता है।