ऋषिकेश, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में रैपिड सिनरोमिक मैनेजमेंट तकनीक से लैस बायोफायर-फिल्म ऐरे मशीन का संचालन विधिवत शुरू हो गया। अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित इस मशीन से रोगियों की एक साथ कई तरह के कीटाणुओं, विषाणुओं की जांच संभव है। यह सुविधा फिलहाल राज्य के सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं है।
एम्स के माइक्रो बायोलॉजी विभाग की एडवांस इन्फेक्शियस डिजीज लैब्रोट्री में बतौर मुख्य अतिथि संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने रैपिड सिनरोमिक मैनेजमेंट टेक्निक पर आधारित बायोफायर फिल्म ऐरे का ई-इनोग्रेशन किया। इस अवसर पर निदेशक प्रो.रवि कांत ने कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश एडवांस तकनीकी के द्वारा मरीजों को लाभ देने को प्रयासरत है। जिससे एम्स में आने वाले रोगियों का जल्द से जल्द व सर्वोत्तम उपचार हो सके। निदेशक एम्स ने कहा कि संस्थान की ओर से आगे भी लोगों की सुविधा के लिए ऐसे प्रयास जारी रहेंगे।
इस दौरान चेन्नई से आए संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ.नामबी ने विभागीय कार्मिकों को बायोफायर फिल्म ऐरे मशीन की तकनीकी व उसकी उपयोगिता की जानकारी दी। सूक्ष्म जीव विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रतिमा गुप्ता ने बताया कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में अभी रोगियों की जांच की यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। बताया कि इस तकनीक से आईसीयू व सीसीयू में भर्ती मरीजों में संक्रमण की जांच दो से पांच घंटे में संभव है, आमतौर पर इस तरह के परीक्षण व रिपोर्ट में दो दिन लग जाते हैं। लिहाजा इससे रोगी के समय व धन की बचत होगी और उसे जल्द उपचार मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि इस तकनीक से एक बार में 17 से 22 वैक्टीरिया, वायरस की जांच संभव है। साथ ही आसपास के वातावरण में बीमारियों की जानकारी भी मिल सकेगी।
इस अवसर पर मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ.मीनाक्षी धर,डॉ.बलराम जी ओमर, डॉ.मोहित भाटिया,डॉ.रुचि दुवा आदि मौजूद थे।