ऋषिकेश, मौसम में लगातार हो रहे बदलाव का असर छोटे से लेकर बड़ों पर दिखने लगा है। बढ़ती ठंड में बुजुर्ग और बच्चे सांस एवं निमोनिया की चपेट में आ रहे हैं।
एम्स अस्पताल में ही पीड़ित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में रोगियों की कतारें लगी हुई हैं। स्थिति यह है कि अस्पताल आने वाले मरीजों में सर्वाधिक ऐसे बुजुर्ग और बच्चे शामिल हैं, जो सांस फूलने एवं ब्लड प्रेशर बढ़ने से प्रभावित हैं।
एक अनुमान के अनुसार हर तीसरे परिवार में एक से दो सदस्य श्वास राेग से ग्रस्त हैं। इसमें निमोनिया से प्रभावित होने वालों की संख्या भी कम नहीं है। निर्मल आश्रम अस्पताल के प्रशासक ब्रिकमजीत सिंह ने बताया कि इस मौसम में हार्ट और अस्थमा के मरीजों को अधिक परेशानी होती है। सांस की नलियां सिकुड़ने से मरीजों में सांस फूलने के साथ ब्रेन हैमरेज एवं लकवा की संभावना बनी रहती है। थोड़ी सी असावधानी व्यक्ति को संकट में डाल देती है। छोटे और नवजात बच्चों के मामलों में और भी सावधानी बरतनी चाहिए। सरकारी अस्पताल के फिजीशियन मुकेश पांडे का कहना है कि बदलते मौसम में सबको सावधानी बरतनी चाहिए। इस मौसम में प्रत्येक व्यक्ति को स्वास्थ संबंधी बीमारी होने का अंदेशा बना रहता है।