औद्योगिक इकाइयों पर शिकंजा कसेगी पीसीबी

    0
    1016

    उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने अब राज्यभर में मौजूद औद्योगिक इकाइयों की कुंडली बांचने का फैसला किया है। इसमें भी खास फोकस उन इकाइयों पर रहेगा, जो खतरनाक अपशिष्ट पदार्थों के निस्तारण में लापरवाह रवैया अपनाए हुए हैं।

    राज्यभर में तमाम औद्योगिक इकाइयां पर्यावरण संबंधी मानकों की अनदेखी करती आ रही हैं। बीते मंगलवार को यह बात तब सामने आई, जब प्रदेश भाजपा मुख्यालय में आयोजित जनता दरबार में सेलाकुई (देहरादून) की एक दवा फैक्ट्री की शिकायत हुई। वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के निर्देश पर हरकत में आई मशीनरी ने मौके पर जाकर पड़ताल की तो पता चला कि यह इकाई पर्यावरणीय मानकों की अनदेखी कर ही रही, नोटिस के बाद भी फैक्ट्री संचालकों ने पीसीबी से संचालन की अनुमति नहीं ली। इससे पीसीबी के कान खड़े हुए और फिर इस फैक्ट्री को सीज कर दिया गया। जाहिर है, इससे पीसीबी की कार्यशैली पर सवाल उठने लाजिमी थे। जब राजधानी से लगे क्षेत्रों का यह हाल है तो अन्य क्षेत्रों की स्थिति क्या होगी, समझा जा सकता है। मामले से सबक लेते हुए पीसीबी ने अब सभी औद्योगिक इकाइयों का रिव्यू करने का फैसला किया है।
    पीसीबी के सदस्य सचिव विनोद सिंघल के अनुसार सभी क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र की इकाइयों की पड़ताल कर इसका संपूर्ण ब्योरा मुख्यालय को भेजना सुनिश्चित करें। सिंघल ने बताया कि इस पड़ताल में मुख्य फोकस उन औद्योगिक इकाइयों पर होगा, जहां से खतरनाक अपशिष्ट पदार्थ निकलते हैं। देखा जाएगा कि वे इसका ठीक से निस्तारण कर रहे हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले कचरे के निस्तारण में रुचि न लेने वाली इकाइयों को नोटिस जारी करने के साथ ही इन्हें सीज करने की कारवाई अमल में लाई जाएगी।
    84 इकाइयां पहले ही हैं चिह्नित
    पीसीबी ने 2012 में राज्यभर में 984 औद्योगिक इकाइयों की पड़ताल की थी। ये सभी वे इकाइयां थी, जिनसे खतरनाक अपशिष्ट पदार्थ निकलते हैं। तब बात सामने आई कि 900 इकाइयां तो ठीक से निस्तारण कर रही हैं, लेकिन 84 हीलाहवाली बरत रही हैं। इन सभी को नोटिस जारी किए गए थे। अधिकांश ने खतरनाक कचरे के निस्तारण के इंतजाम करने की जानकारी पीसीबी को दी है। अब नए सिरे से होने वाली पड़ताल में इन इकाइयों के दावों की कलई भी सामने आ जाएगी।