केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग से तीर्थयात्रियों ने आवाजाही शुरू कर दी है। दो दिनों में 30 से अधिक तीर्थयात्री पैदल यात्रा मार्ग से केदारना धाम पहुंचे हैं। हालांकि पैदल यात्रा मार्ग पर अत्यधिक बारिश और अलर्ट होने पर यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर प्रशासन की ओर से रोका जा रहा है। मौसम साफ होने पर हेली सेवाएं भी यात्रियों को धाम पहुंचा रही हैं।
वहीं दूसरी ओर पैदल मार्ग को दुरूस्त करने का कार्य लगातार जारी है। सोनप्रयाग में भी केदारनाथ हाईवे को वाहनों की आवाजाही लायक बनाया जा रहा है। बार-बार अत्यधिक बारिश होने और पहाड़ी से मलबा गिरने के कारण कार्य करने में दिक्कतें आ रही हैं।
20 यात्रियों का एक दल बुधवार को तो 12 यात्री गुरूवार को पैदल यात्रा मार्ग से धाम पहुंचे। पैदल यात्रा मार्ग अब पैदल यात्रियों की आवाजाही के लिए पूरी तरह तैयार है और अब यात्रा मार्ग को घोड़े-खच्चरों की आवाजाही के लिए तैयार किया जा रहा है। यदि मौसम साफ होता है तो इस माह के अंत तक यात्रा मार्ग घोड़े-खच्चरों की आवाजाही के लिए भी पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। लगातार मूसलाधार बारिश होने पर पैदल मार्ग की मरम्मत करने में मजदूरों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पैदल यात्रा मार्ग से धाम पहुंच रहे तीर्थयात्रियों को अत्यधिक बारिश होने पर प्रशासन की ओर से सुरक्षित स्थानों पर रूकवाया जा रहा है। बारिश या बारिश का अलर्ट होने पर यात्रा तो खुली रहेगी, लेकिन यात्रियों को सुरक्षित रोका जाएगा। पैदल यात्रा मार्ग पर जगह-जगह सेक्टर मजिस्ट्रेट और सुरक्षा जवान भी तैनात हैं।
उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल शुक्ला ने बताया कि पैदल यात्रा मार्ग से लगातार यात्रियों की आवाजाही हो रही है। अत्यधिक बारिश होने पर यात्रियों को सुरक्षित रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि लगातार पैदल यात्रा मार्ग की मरम्मत का कार्य भी जारी है। पैदल यात्रा मार्ग को घोड़े-खच्चरों की आवाजाही के लिए तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सोनप्रयाग में भी केदारनाथ हाईवे को लगातार ठीक करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बार-बार बारिश आने पर हाईवे को दुरूस्त करने में थोड़ा दिक्कतें आ रही हैं। सोनप्रयाग से आगे गौरीकुंड के निकट तक वाहनों की आवाजाही भी हो रही है।