डोईवाला के नजदीक पड़ने वाले सपेरा बस्रोंती अपने यहां की मजबूरियों के लिये जाना जाता है। इसी बस्ती में के पास टंगा एक पुराना होर्डिंग दस पीढ़ियों, और 80 से अधिक परिवारों के ऐसे आशियाने का पता बताता है जो जीवन की ज्यादातर मूलभूत सुविधाओं से दूर है। लेकिन यहां रहने वाले लोगों के लिये यही उनका घर है। पिछले कई सालों में यहां रहने वाले लोगों और उनके जीवन में बहुत थोड़ा ही बदलाव आया है। इन बदलावों में सबसे प्रमुख है यहां रहने वाले बच्चों को अब शिक्षा की दुनिया में कदम रखने का मौका मिला है और वह अब पढ़ना लिखना सीख रहें है।
यह करना आसान नहीं था लेकिन पेन इंडिया के प्रयास से आज यह मुमकिन हुआ है। पेन इंडिया एक एनजीओ है जो दो गतिशील युवा अनूप रावत और संतोष बुड़ाकोटी द्वारा चलाया जा रहा है।इस मुहिम में उनका मार्गदर्शन वैज्ञानिक डॉ.प्रकाश केशवया कर रहें हैं, जिन्होंने पेन इंडिया की स्थापना की है।
आज 4-6 साल की उम्र के बीच के 27 बच्चे हर रोज़ संस्थान के सेंटर में चार घंटे के लिए आते हैं, और किराए के एक कमरे के स्कूल में पढ़ाई करते हैं। यहां दो शिक्षक उन्हें पढ़ाते हैं और उनको गाईड करते हैं।
सभी सफल कहानियों की तरह पेन इंडिया की भी सफलता में संघर्ष कम नहीं था। अनूप रावत हमें बताते हैं कि, “हमारी इस पहल का सबसे कठिन हिस्सा था सपेरों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार करना,हमें उनको सिर्फ इसके लिए तैयार करने में लगभग 8 महीने के करीब का समय लगा।”
कुछ हफ्ते पुराना, पेन (PEN: Providing Education to the Needy) का मकसद जरुरतमंद लोगों को शिक्षा प्रदान करना है। इसका उद्देश्य साफ है! अंडर प्रिविलेज्ड बच्चों को अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा मुफ्त में देना।
एनजीओ के सबसे खास और अलग बात यह है कि बच्चों को किताबी कीड़ा बनाने की जगह उन्हे क्रिएटिविटी के माध्यम से पढ़ाया जाए। डॉ.प्रकाश केशवया का मानना है कि स्कूल के बच्चों को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रखना चाहिये बल्कि उन्हें अलग-अलग एक्टिविटी के माध्यम से पढ़ाना और सिखाना फायदेमंद है। इससे ना केवल बच्चे किताब से बाहर निकलेंगे बल्कि उनकी क्रिएटिविटी तो बढ़ेगी ही और वह प्रॉब्लम सॉल्व करना भी सीखेंगे।
अनूप और संतोष की निरंतर मेहनत के साथ डॉ प्रकाश के अनुभव और युवा स्वयंसेवकों की एक टीम जैसे कि शिविका जैन, सुशील नॉटियाल, नरेश श्रीकोटी, संदीप रावत, आरती पुंडिर, पंकज बुडकोटी, मनमोहन डोभाल, संदीप कुमैन, रितु शर्मा और दीपालिका, की मदद से पेन इंडिया को एक स्कूल बनाने में सफलता हासिल हुई।
इस अच्छे काम में किसी भी तरह की मदद सराहनीय है। (स्टेशनरी; मैट्स; नेम्स; यूनिफॉर्म और पैसो की मदद)
अनूप रावत: 95578 30682
संतोष बुड़ाकोटी : +918077750677