उत्तराखंड के जनपद चमोली में मनरेगा योजना में मजदूरी का भुगतान नियमित न होने से मनरेगा श्रमिकों को इस योजना को लेकर अविश्वास की स्थिति पैदा होने लगी है। जबकि विकास विभाग के अधिकारियों का दावा है कि उनके द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए 68 करोड़ 40 लाख का भुगतान कर दिया गया है।
चमोली जनपद में मनरेगा कार्यों के लिए वित्तीय वर्ष 2016-17 में लगभग 93 करोड़ 34 लाख के कार्य किए गए हैं। जिसके सापेक्ष में विकास विभाग द्वारा 68 करोड़ 40 लाख का श्रमिकों का भुगतान किये जाने तथा 21 करोड़ की सामग्री के लिये भुगतान किये जाने का दावा किया जा रहा है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा श्रमिक खातों में धनराशि न आने की शिकायत कर रहे हैं। मनरेगा भुगतान को लेकर कई बार ग्राम पंचायत प्रतिनिधि प्रदर्शन और आंदोलन भी कर चुके हैं। लेकिन वर्तमान तक भी मामले का निस्तारण नहीं किया गया है।
ग्राम पंचायत मैड़-ठेली के प्रधान सुरेंद्र सिंह का कहना है कि, ‘ग्राम पंचायत में वर्ष 2016 में हुए गोठ सुधार कार्य का अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है। जबकि ब्लॉक के अधिकारियों की ओर से खातों में भुगतान करने की बात कही जा रही है। चमोली जिले के जिला विकास अधिकारी आनंद सिंह का कहना है कि, ‘मनरेगा योजना के तहत हुए कार्यों में श्रमिको की मजदूरी का 68 करोड़ 40 लाख की धनराशि भुगतान किया जा चुका है। लेकिन श्रमिकों की भुगतान न होने शिकायत के बाद अब बैंक और पोस्ट ऑफिस के अधिकारियों के साथ बैठक की जा रही है। साथ ही ग्राम प्रधानों से भुगतान से छूटे श्रमिकों की सूची मांगी गई है। शीघ्र समस्या का निस्तारण कर लिया जाएगा।’