तहसील अंतर्गत आपदा प्रभावित रिवाड़ी गांव में रिवाड़ी गधेरे ने फिर तबाही मचाई। गधेरे के तेज प्रवाह से मकानों के सुरक्षा दीवारें ढह गई। मकानों के आंगन व कमरे कीचड़ व पानी से भर गए। इससे घरेलू सामान बर्बाद हो गया। गधेरे के विकराल रूप देख पूरे गांव में भगदड़ मच गई। अपनी जान बचाने के लिए कई परिवारों के लोग घरों को छोड़ सुरक्षित स्थानों की ओर भाग गए।
बुधवार देर सायं करीब दस बजे से मूसलधार बारिश शुरू हो गई। आधे घंटे बाद रिवाड़ी गधेरे ने विकराल रूप ले लिया तथा गांव से लगे जंगल से तेज प्रवाह के साथ पत्थर, मलबा व कीचड़ बहा ले आया। जो सुरक्षा दीवारें तोड़कर घरों के आंगन व कमरों में घुसने लगा। गधेरे के रौद्र रूप देख गांव में भगदड़ मच गई। जान बचाने के लिए कई ग्रामीण घरों से भाग गए।
कुछ ही देर में आनंद सिंह, हयात सिंह, महेंद्र ंिसह व बीरेंद्र सिंह के आंगन व कमरे पानी, कीचड़ व मलबे से भर गए। परिवारों का घरेलू सामान बर्बाद हो गया। ढाई दर्जन अन्य मकानों के आंगन व गोशाले भी कीचड़ व पानी से सन गए। गजेंद्र सिंह नेगी के मकान की सुरक्षा दीवार ढह गई। इससे मकान व गांव को और खतरा बन गया है। ग्रामीणों ने पूरी रात जागकर बिताई। सूचना पर एसडीएम फिंचा सिंह चौहान, तहसीलदार ओमबीर सिंह, खंड विकास अधिकारी बृजमोहन गुर्रानी समेत तमाम विभागीय अधिकारी तड़के मौके पहुंचे तथा स्थिति का जायजा लिया।
एसडीएम की मौजूदगी में गधेरे से बचाव व राहत कार्य शुरू हो गया है। गधेरा व आसपास के मलबे को साफ करने के लिए मौके पर दो जेसीबी लगी हैं। एसडीएम टीम के साथ पूरे दिनभर गांव में ही जमे रहे। परिवारों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए राजस्व टीम ने पूरे गांव की सर्वे कर ली है।
गधेरे के खौफ से सर्वाधिक प्रभावित चार गांव के चार परिवार क्रमश: आनंद सिंह, हयात सिंह, महेंद्र सिंह व बीरेंद्र सिंह ने घर छोड़ अन्यत्र शिफ्ट हो गए हैं। जबकि कई अन्य परिवार भी भय से घर छोड़ने की तैयारी में हैं। एसडीएम फिं चा सिंह ने ऐसे सभी परिवारों को बरसात में अन्यत्र चले जाने की हिदायत दे दी है। कहा कि उन्हें प्रशासन द्वारा चार हजार मासिक किराया भुगतान किया जाएगा। जो बरसात के सीजन तक लागू रहेगा। उन्होंने यह भी माना है कि करीब ढ़ाई दर्जन परिवारों का गधेरे से नुकसान हुआ है। इसका आकलन तैयार किया जा रहा है।