जीएसटी के कारण इस इलाके के लोगों को अंग्रेजों के जमाने के कर से मिली मुक्ति

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GST reinstated government again in power
File Photo

जीएसटी लागू होने के साथ ही देहरादून के चकराता वासियों को अंग्रेजों के जमाने के कर से मुक्ति मिल गई है। साथ ही 148 साल पुरानी परंपरा भी खत्म हो गई है। अंग्रेजों के जमाने के कर से मुक्ति मिलने से यहां के लोग खुश हैं। उन्होंने शनिवार को जमकर खुशी मनाई। पूरे भारत में एकमात्र चकराता छावनी ऐसी थी, जहां आजादी के बाद भी चुंगी वसूली जाती थी।

आज से छावनी परिषद द्वारा वसूले जाने वाली चुंगी से लोगों को निजात मिल गई है। 1869 में चकराता कैंट में अंग्रेजी हुकूमत छावनी क्षेत्र में आने वाले समान में कर वसूलती थी, 1947 में भारत आजाद हुआ, तो बाकी के छावनी परिषद में चुंगी समाप्त हो गई, लेकिन एक मात्र चकराता ऐसा कैंट रहा जिसमें नमक से लेकर नहीं घरेलू सम्मान तक की कीमत पर 3-5 प्रतिशत कर वसूली की जाती है।

अलग से कर वसूली जाने के कारण चकराता में अन्य स्थानों के अपेक्षा में अधिक दाम हैं। यही नहीं छावनी क्षेत्र में से गुजरने वाले हर वाहन से बहती के रूप में कर लिए जाने के कारण उन्होंने यहां से गुजरना भी बंद कर दिया है। चकराता क्षेत्र में लगने वाली कर की व्यवस्था को समाप्त करने के लिए क्षेत्र के व्यापारी ने कई बार आंदोलन किए, इतना ही नहीं अदालत का दरवाजा भी खटखटाया था।