रावत पर बीजेपी का पलटवार कहा जनता मांग रही है रावत का “रिपोर्ट कार्ड”

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सिद्वार्थ

रविवार को भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ देवेन्द्र भसीन ने कहा कि उत्तराखंड की जनता को कांग्रेस सरकार से उसका केन्द्र से मांग पत्र नहीं बल्कि उसके अपने काम का रिपोर्ट कार्ड चाहिए। उन्होंने कांग्रेस हाई कमान द्वारा उत्तराखंड में प्रोफेशनल रणनीतिकार भेजने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इससे साफ़ हो गया है कि कांग्रेस के केंन्द्रीय नेताओं को राज्य में कांग्रेस की खस्ता हालत होने का पता लग गया है और वे उत्तराखंड के नेताओं पर भरोसा भी नहीं कर रहे।

डॉ भसीन ने कहा कि अब जब राज्य विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है और चुनाव के लिए पांच सप्ताह ही शेष रह गए है ऐसे में राज्य की जनता को मुख्यमंत्री या कांग्रेस नेताओं से उनके द्वारा केंद्र से की जा रही मांगो का विवरण नहीं चाहिये। बल्कि जनता कांग्रेस नेताओं से यह जानना चाहती है कि यदि उनकी सरकार ने राज्य के विकास के लिए कुछ किया है तो वे उसका रिपोर्ट कार्ड दें।

उन्होंने कहा कि राज्य की जनता इस बात को अच्छी तरह जानती है कि पहले श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में केंद्र की भाजपा नीत सरकार ने उत्तराखंड को बहुत कुछ दिया और अब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र की भाजपा सरकार उत्तराखंड को एक के बाद एक बड़ी विकास योजनायें दे रही है। लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार केंद्र की मदद का सही उपयोग ही नहीं करना चाहती।

डॉ भसीन ने कहा कि चुनाव के समय उत्तराखंड की जनता चाहती है कि यदि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने प्रदेश का कुछ भी विकास किया है तो मुख्यमंत्री उसका विवरण दे। पर सच यह है कि कांग्रेस के रिपोर्ट कार्ड में केवल घोटाले, भ्रष्टाचार, लूट , कमीशन खोरी के कारनामे ही हैं। ऐसे में कांग्रेस के पास विकास के नाम पर बताने के लिए कुछ भी नहीं है।

मीडिया प्रभारी ने कहा कि अब कांग्रेस हाई कमान ने एक प्रोफेशनल रणनीतिकार को उत्तराखंड भेजा है। इससे साफ़ है कि कांग्रेस के केन्द्रीय नेताओं को यह साफ़ हो गया है की उत्तराखंड में कांग्रेस की हालत ख़राब है और उनका उत्तराखंड के कांग्रेस नेताओं से भरोसा भी उठ गया है । ऐसे में उन्होंने प्रोफेशनल व्यक्ति को उत्तराखंड भेजा है कि शायद वे कुछ कर सके। पर सच्चाई यह है कि श्री हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेस की काठ की हांड़ी एक बार चूल्हे पर चढ़ चुकी है इसलिये उसके दोबारा चूल्हे पर चढ़ने की कोई भी गुंजाईश नहीं है।