क़रीब एक दर्जन से ज़्यादा ऐसे बैरियर अब ज़िले के तक़रीबन सभी थाना क्षेत्रों में देखे जा सकते हैं। इस बारे में उत्तरकाशी के एसपी, पंकज भट्ट ने न्यूजपोस्ट से बात करते हुए बताया कि, “हमें यह लगा कि जब लोग अपनी स्थानीय भाषा में ऐसे संदेशों को पढ़ते हैं तो उसका असर ज़्यादा होता है। इस समय में नियमों का पालन करने के लिये स्थानीय भाषा मे संदेश उन्हें प्रेरित करते हैं।”
इस काम को करने के लिये उत्तराकाशी पुलिस ने स्थानीय कलाकारों के साथ स्लोगन और डिज़ाइन साझा किये। कलाकारों ने इसे रूप देने के लिये अपनी कला का इस्तेमाल किया। इसका नतीजा रहा यह गढ़वाली भाषा में बने संदेश जो लोगों को कोरोना के इस समय में फ़ेस मास्क पहनने, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने, सोशल डिसटेंसिंग का पालन करने, और बच्चों और बुजुर्गों का ख़्याल रखने का संदेश देते हैं। पुलिस बैरियर्स पर अंकित इन संदेशों को आप ज़िले के ख़ास इलाक़ों में देख सकते हैं। इनके ज़रिये न केवल इलाक़े में रंग भरता है बल्कि यह लोगों को उनकी भाषा में इन दिनों में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जागरूक भी करते हैं।
धरासू में ऐसे पुलिस पिकेट की तस्वीरें इन दिनों इंटरनेट पर वायरल हो रही हैं। लोगों के बीच भी पुलिस विभाग की इस पहल के ख़ासा पसंद किया जा रहा है।
एसपी पंकज भट्ट बताते हैं कि, “ऐसे 17 पिकेट स्थानीय कलाकारों द्वारा तैयार किये गये हैं और इन्हें ज़िले के अलग अलग हिस्सों में लगाया जायेगा।”