मैड ने की प्लास्टिक की घर वापसी

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देहरादून,  एक ओर जहां उत्तराखंड अपने 18 वर्ष पूरे होने की खुशी मना रहा था, वहीं दूसरी ओर देहरादून के शिक्षित छात्रों के संगठन मेकिंग अ डिफरेंस बाय बीइंग द डिफरेंस (मैड) संस्था की ओर से अपने दो महीने लंबे चले घर वापसी अभियान के आखरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सर्व प्रथम गांधी पार्क में मैड संस्था द्वारा इकठ्ठे किए गए पैकेज्ड प्लास्टिक को गांधी पार्क के गेट पर अपने सभी शुभचिंतको एवं दून वासियों के समक्ष प्रदर्शित किया गया।

संस्था ने घर वापसी अभियान को हिमालय दिवस यानि 9 सितंबर को शुरू किया था और इसके जरिए देहरादून जिले में जिसमें ऋषिकेश व मसूरी शहर भी शामिल है उनमें जा जाकर नदियों और पहाड़ों से पैकेज्ड प्लास्टिक सामग्री इकठ्ठी करी थी। मैड संस्था का मानना है कि एक ओर प्रदूषण के लिए पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगाया गया है और सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया गया। लेकिन अभी भी घरवापसी की जरूरत इसलिए पड़ी है क्योंकि पैकेज्ड प्लास्टिक सामग्री के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है और बड़े उद्योग जो इससे सैकड़ों करोड़ों का मुनाफा प्रतिदिन कमाते हैं। उनको इसपर विचार करने की जरूरत है कि प्लास्टिक के क्या विकल्प हो सकते हैं। संस्था के सदस्य करन कापोऔर ने कहा कि संस्था ने इन सभी कंपनियो को पेरूल का एक सुझाव दिया है।

प्लास्टिक की घरवापसी करते हुए मैड संस्था ने लगभग 200 ऐसे पैकेट तैयार करे हैं और हर पैकेट में एक चिट्ठी है। इन पैकेटों को इन कंपनियों के हिसाब से बांटा गया है। प्लास्टिक सामग्री को टारगेट करने के लिए मैड संस्था ने पेप्सिको, कोका कोला, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी कंपनियों को टारगेट किया है। साथ साथ नेस्ले की मैगी व पतंजलि आदि सभी कंपनियों के लिए अलग अलग पैकेट तैयार किए गए हैं और उनको यह वापस भेजे गए हैं। संस्था की ओर से रैली के तुरंत बाद जनरल पोस्ट ऑफिस में पोस्ट्मास्टर से मुलाकात की गई। इसी क्रम में अब इन सभी डिब्बों को पैक करने के बाद इन उद्योगों के हेडकुआटर भेज जाएगा। बताया कि मैड की ओर से एक यह कोशिश की गई कि जॉर्ज एवेरेस्ट, गुछु पानी, सहस्त्रधारा जैसे क्षेत्रों में जो सफाई अभियान चलाए गए ताकि ज्यादा से ज्यादा प्लास्टिक का कचरा इकट्टा किया जा सके।

इस अभियान में करन कपूर, इन्दर, आर्ची, श्रेया रोहिल्ला, याशिका, आशुतोष, सनत आदि ने मुख्य भूमिका निभाई। रैली में मैड के संथापक अभिजय नेगी, शार्दुल असवाल, मोहित अरोरा, शरद माहेश्वरी भी उपस्थित थे। अभियान को प्राउड पहाड़ी संस्था, प्रमुख, तारा फाउंडेशन, संयुक्त नागरिक संगठन से भी सहयोग मिला।