प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह केदारनाथ धाम पहुंचकर केदार गर्भगृह में पूजा-अर्चना की। उन्होंने मंदिर के पीछे समाधि स्थल पर आदि गुरु शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। केदारनाथ में 2013 की प्राकृतिक आपदा के दौरान बाढ़ में आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा बह गयी थी।
मैसूर के प्रतिष्ठित मूर्तिकार ने बनायी प्रतिमा
प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम में आदि गुरु शंकराचार्य की 15 फीट ऊंची ब्लैक स्टोन निर्मित विशालकाय प्रतिमा का अनावरण किया। मैसूर के एक प्रतिष्ठित मूर्तिकार योगीराज शिल्पी द्वारा बनायी गयी इस प्रतिमा का वजन 35 टन है। यह प्रतिमा इतनी मजबूत है कि यह आंधी-तूफान जैसी आपदा से अप्रभावित रहेगी। योगीराज शिल्पी ने 2020 में मूर्ति बनाने का जिम्मा लिया था।
प्रतिमा को मंदिर के पीछे समाधि क्षेत्र में उसके मूल स्थान पर ही प्रतिस्थापित किया गया है। प्रधानमंत्री ने आदि गुरु की विशालकाय प्रतिमा के अनावरण के बाद वहां बैठकर पूजा-अर्चना की।
उल्लेखनीय है कि केरल में जन्मे आदि शंकराचार्य आठवीं शताब्दी के सबसे प्रतिष्ठित आध्यात्मिक व्यक्तित्व और दार्शनिक थे। उन्होंने अद्वैत वेदांत के सिद्धांत को समेकित कर पूरे भारत में चार मठों की स्थापना के जरिये हिंदू धर्म को एकजुट करने में महती योगदान दिया। उन्होंने केदारनाथ में ही समाधि ली थी।