तीर्थ नगरी में लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर घूमने वालों को पुलिस ने खदेड़ा

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विदेशी नागरिक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद ऋषिकेश तीर्थ नगरी में लॉकडाउन के आदेश के बाद बिना कारण सड़कों पर घूम रहे लोगों पर पुलिस को सख्ती दिखानी पड़ी। नगर के प्रमुख चौराहों और अन्य सड़कों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
बुधवार को उत्तराखंड सरकार ने सुबह 7:00 बजे से 10:00 बजे तक आवश्यक वस्तुएं खरीदने की छूट दी थी। लेकिन समय के बाद भी लोग सड़कों पर अनावश्यक घूमने वालों को पुलिस ने लोगों को लठिया कर घर में रहने को मजबूर कर दिया। इससे पहले पुलिस ने सभी सड़कों को सील कर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहे। पुलिस क्षेत्राधिकारी वीरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि कोरोना वायरस देशभर में महामारी का रूप ले चुका है, जिसे रोके जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अघोषित कर्फ्यू का परिपालन करते हुए सभी लोगों से घरों में रहने की अपील की है। पुलिस इसका शक्ति से पालन करवा रही है। किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी। क्योंंकि लोग अभी भी इसकी गम्भीरता को नहीं समक्ष रहे हैं। उन्होंने बताया कि बुधवार को सुबह 10:00 बजे से दून तिराहे, त्रिवेणी घाट, नटराज चौक, परशुराम चौक पर बैरिकेडिंग कर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। पुलिसकर्मी सड़कों पर निकलने वाले दोपहिया वाहन चालकों से उनसे घर से बाहर आने का ठोस कारण पूछ रहे हैं।
उप जिलाधिकारी प्रेम लाल ने बताया कि सभी अस्पताल में इमरजेंसी को छोड़कर ओपीडी बंद करवा दी गई है। केवल गम्भीर रोगियों का ही उपचार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों से गढवाल जाने वाले लोगों को भी अब शासन के आदेश पर जहां हैं, वहीं रुकने के लिए निर्देशित कर दिया गया है। उपजिलाधिकारी  ने बताया कि आमजन के खाने-पीने की व्यवस्था पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। प्रशासन का प्रयास है कि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो। लोगों को जरूरी सामान खरीदने के लिए सुबह सात बजे से दस बजे तक छूट दी गई है।
आठ बजे से नैनीताल से सब्जी गायब, राशन का भी टोटा… 
– सिर्फ तीन घंटे की छूट पड़ सकती है कोरोना पर भारी
– भीड़ में लोग नहीं रख पा रहे सोशल डिस्टेंसिंग का खयाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश 21 दिन के ‘लॉक डाउन’ पर है। संकल्प मजबूत है-कोरोना को हराना है, किसी भी हाल में रोड पर नहीं जाना है। लेकिन प्रशासनिक व्यवस्थाओं की कमी से इस अभियान की सफलता पर पूरा विश्वास नहीं हो रहा।
लॉक डाउन के दूसरे दिन ही सुबह के पहेल एक घंटे में ही जिला-मंडल मुख्यालय नैनीताल की मंडी से सब्जी गायब हो गयी। नौ बजे तो पूरी मंडी ही उठ चुकी थी। बताया गया कि प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद अति सक्रिय हुई पुलिस की सख्ती की वजह से आज केवल हल्द्वानी व गांवों से एक-एक पिकप सब्जी ही आई जो कुछ ही देर में बिक गई।
इसके अलावा भी बाजार में चीनी नहीं है। 45-60 रुपए से सस्ता चावल उपलब्ध नहीं है। आटा भी खत्म होने को है। साथ ही दुकानों में पहले से मौजूद अन्य खाद्य सामग्री भी खत्म हो रही है, और दुकानदार कह रहे हैं आगे कोई सामान आने की उम्मीद भी नहीं है। पुलिस का खौफ सुबह 7 से 10 बजे की अनुमन्य समय सीमा के दौरान भी दुकानदारों पर दिख रहा है। आवश्यक सामग्री के दुकानदार भी दुकानें नहीं खोल रहे या दुकान का छोटा हिस्सा ही खोलकर सामान दे रहे हैं। इससे राशन ही नहीं दवाइयों की दुकानों पर भी भारी भीड़ इकट्ठा हो रही है जो प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के आह्वान तथा कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए जरूरी ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ को पलीता लगा रही है।
इस बारे में पूछे जाने पर जिला पूर्ति अधिकारी मनोज वर्मन ने कहा कि अप्रैल माह में सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों में खाद्यान्न की आपूर्ति सुचारू की जा रही है। इसके साथ ही बाजारों की दुकानों में भी आपूर्ति सुचारू करने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपूर्ति में व्यवधान पहुंचाने एवं आगे सामग्री न आने की अफवाह फैलाने वाले दुकानदारों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।