दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति भयावह : सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर की प्रदूषण की स्थिति को भयानक बताया है । कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का का आदेश दिया है। कोर्ट ने परिवहन विभाग से कहा है कि ऐसी गाड़ियों की लिस्ट वेबसाइट पर डालें। सड़क पर चलती पुरानी गाड़ियां ज़ब्त करें।

कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सोशल मीडिया एकाउंट बनाए। जिसमें लोग प्रदूषण की शिकायत कर सकें। कोर्ट ने कहा कि आप शिकायतें देखते कहां हैं। दिल्ली में लोगों ने अवैध निर्माण को लेकर 2 हजार शिकायतें कीं लेकिन उनमें से निपटाई गई सिर्फ 3 सौ शिकायतें।

पिछले 24 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 31 मार्च 2020 के बाद बीएस-4 वाहनों की बिक्री नहीं की जा सकती है। पिछले 23 जुलाई को केंद्र सरकार ने कहा था कि 1 अप्रैल 2020 से देश में सिर्फ बीएस-6 गाड़ियों की बिक्री होगी। यानि 1 अप्रैल 2020 से केवल बीएस-6 वाली गाड़ियां का ही उत्पादन होगा।

केंद्र सरकार ने कहा था कि व्यायसायिक वाहनों और निजी वाहनों के लिए डीजल की कीमतों को अलग-अलग नहीं रखा जा सकता। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि दिल्ली में कितनी टैक्सी हैं? तब कोर्ट को बताया गया कि दिल्ली में लगभग 68 हज़ार गाड़ियां हैं।

पहले की सुनवाई के दौरान पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने डीजल वाहनों से होने वाले प्रदूषण को चिंता का विषय बताया था। कोर्ट ने सरकार को सुझाव दिया था कि वह माल ढोने वाले वाहनों से दूसरे वाहनों के लिए डीजल और पेट्रोल की कीमत एक समान निर्धारित करने पर विचार करे। लेकिन आज केंद्र सरकार ने इसे अव्यावहारिक बताया।