पूजा अर्चना के बाद ब्रह्म मुहुर्त में खुले श्री बदरीनाथ धाम के कपाट

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बदरीनाथ
(चमोली) विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट निर्धारित तिथि पर आज तड़के 4 बजकर 30 मिनट पर ब्रह्म मुहूर्त में विधि-विधान से पूजा अर्चना के साथ खोल दिए गए। शुक्रवार, जेष्ठ माह, कृष्ण अष्टमी तिथि, कुंभ राशि धनिष्ठा नक्षत्र, ऐंद्रधाता योग के शुभ मुहूर्त पर कपाट खुले। कपाटोद्घाटन मे मुख्य पुजारी रावल, धर्माधिकारी भुवन चन्द्र उनियाल, राजगुरु, हक-हकूकधारियों सहित केवल 11 लोग ही शामिल हो सके। इस दौरान मास्क के साथ शारीरिक दूरी का पालन किया गया। इससे पूर्व पूरे मंदिर परिसर को सेनेटाइज्ड किया गया।
– आज तड़के 4 बजकर 30 मिनट ब्रह्म मुहूर्त पर खुले श्री बदरीनाथ धाम के कपाट
– श्री बदरीनाथ धाम में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से
– इस बार कपाटोद्घाटन के समय सिर्फ 11 लोग ही हुए शामिल
इस बार सेना के बैंड की सुमधुर ध्वनि, भक्तों का हुजूम, भजन मंडलियों की स्वर लहरियां बदरीनाथ धाम में नहीं सुनायी दी। इस यात्रा वर्ष में कोरोना महामारी के कहर का प्रभाव उत्तराखंड के चार धामों पर भी पड़ा है। बदरीपुरी में आश्रम, दुकानें, छोटे-बड़े  होटल, रेस्टोरेंट तथा ढाबे बंद है। कपाट खुलने के बाद वेद मंत्रों की ध्वनियों से बदरीशपुरी गुंजायमान  जरूर हो गयी तथा मंदिर फूलों की सजावट के साथ बिजली की रोशनी से जगमगा रहा था। इस यात्रा वर्ष में कोरोना महामारी को देखते हुए चार धाम यात्रा शुरू नहीं हो सकी है‌। केवल कपाट खोले गये हैं। कपाट खुलने को लेकर देवस्थानम बोर्ड ने तैयारियां पूरी कर ली थी। इसी के तहत आज तड़के तीन बजे से श्री बदरीनाथ धाम में कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू होने लगी। देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी, सेवादार -हक हकूकधारी मंदिर परिसर के निकट पहुंच गये। श्री कुबेर जी बामणी गांव से बदरीनाथ मंदिर परिसर में पहुंचे तो रावल जी एवं डिमरी हक हकूकधारी भगवान के सखा उद्धव जी एवं गाडू घड़ा तेल कलश  लेकर द्वार पूजा हेतु पहुंचे। वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ द्वार पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। उसके बाद  प्रात: 4 बजकर  30 मिनट पर  रावल  ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी  द्वारा श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिये गये। श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलते ही  माता लक्ष्मी जी को मंदिर के गर्भ गृह से रावल जी द्वारा मंदिर परिसर स्थित लक्ष्मी मंदिर में रखा गया। श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी बदरीश पंचायत के साथ विराजमान हो गये।
कपाट खुलने के पश्चात मंदिर में शीतकाल में ओढे गये घृत कंबल को प्रसाद के रूप में वितरित किया गया। माणा गांव द्वारा तैयार हाथ से बुने गये घृत कंबल  को कपाट बंद होने के अवसर पर भगवान बदरी विशाल को ओढ़ाया जाता है। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही मानवमात्र के रोग शोक की निवृत्ति, आरोग्यता एवं विश्व कल्याण की कामना की गयी‌। भगवान बदरी विशाल की प्रथम  पूजा-अर्चना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से मानवता के कल्याण आरोग्यता  के लिए आज 9 बजे की जाएगी। आन लाइन बुक हो चुकी पूजाओं को यात्रियों की ओर से उनके नाम  संपादित किया जायेगा। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही मंदिर परिसर में स्थित माता लक्ष्मी मंदिर, श्री गणेश मंदिर, हनुमान जी, भगवान बदरी विशाल के द्वारपाल घंटाकर्ण  जी का मंदिर परिक्रमा स्थित छोटा मंदिर तथा आदि केदारेश्वर  मंदिर, आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के द्वार खुल गये। माणा के निकट स्थित श्री माता मूर्ति मंदिर तथा श्री भविष्य बदरी मंदिर सुभाई तपोवन के कपाट भी श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही खुल गये है। बदरीनाथ स्थित खाक चौक में हनुमान मंदिर के द्वार भी आज  खुल गये है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने आशा प्रकट की है कि शीघ्र कोरोना महामारी समाप्त हो जायेगी। यथा शीघ्र उत्तराखंड चारधाम यात्रा शुरू होगी तथा तीर्थ यात्री दर्शनों के लिए पहुंच सकेंगे। प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि भगवान बदरी विशाल के कपाट खुलते ही अब उत्तराखंड के चारों धामों के कपाट खुल गये हैं। उचित समय पर चार धाम यात्रा भी शुरू हो जायेगी। इसके लिए वह केंद्र से भी लगातार संपर्क में हैं। चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ‌ममगाई‌ ने भी श्री बदरी नाथ धाम के कपाट खुलने पर प्रसन्नता जताई है।पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर के अनुसार बदरीनाथ धाम के कपाट खुलते ही उत्तराखंड चारधाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। आगे पर्यटन-तीर्थाटन को गति दिये जाने हेतु  शासन स्तर पर निरंतर कार्य गतिमान है।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ एवं गढ़वाल आयुक्त रमन रविनाथ ने बताया कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के दौरान देवस्थानम बोर्ड द्वारा उच्च स्तरीय दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित किया गया। कपाट खुलने के अवसर पर रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी सहित देवस्थानम बोर्ड के प्रभारी अधिकारी बीडी सिंह, नायब तहसीलदार प्रदीप नेगी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल,अपर धर्माधिकारी सत्यप्रसाद चमोला, थानाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह, अभिसूचना निरीक्षक सूर्य प्रकाश शाह आदि मौजूद रहे। श्री बदरीनाथ धाम में लॉक डाउन पूरी तरह लागू है। दुकानें, होटल, ढाबे, आश्रम आदि बंद है। निकटवर्ती गांवों बामणी एवं माणा में भी आवाजाही नहीं है। तप्त कुंड, ब्रह्म कपाल  तथा स्नान घाट भी शांत है  और अलकनंदा नदी का धीमा स्वर सुनाई दे रहा है। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि कोरोना लॉक डाउन के मद्देनजर शारीरिक दूरी सहित सरकारी एडवाइजरी का पालन किया गया। मास्क पहने गये एवं साफ सफाई का ध्यान रखा गया।
उल्लेखनीय है उत्तराखंड के चार धामों के कपाट खुल चुके हैं जबकि कोरोना महामारी संकट टलने के बाद शीघ्र चारधाम यात्रा शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। श्री केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल तथा श्री गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर 26 अप्रैल को खुल चुके हैं। द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट कपाट 11 मई को खुल चुके हैं जबकि तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 20 मई को तथा चतुर्थ केदार रुद्रनाथ जी के कपाट 18 मई को प्रात: खुलेंगे।