उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर की मौत सामान्य नहीं थी। शुक्रवार को रोहित की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई। इसके बाद मामले की जांच दिल्ली क्राइम ब्रांच को सौंपी गई। रोहित की संदिग्ध मौत के मामले में अज्ञात के खिलाफ हत्या की धारा में केस दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक, 16 अप्रैल को रोहित को साकेत स्थित मैक्स अस्पताल लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
पुलिस ने कहा था कि रोहित की नाक से खून निकल रहा था। इस बात की जानकारी नौकर ने उसकी मां उज्ज्वला तिवारी को दी थी। रोहित की मां घर पर नहीं थीं। वह चेकअप के लिए अस्पताल गई हुई थीं। हालांकि, उज्ज्वला ने कहा था कि बेटे की मौत स्वाभाविक है। मुझे इसमें कोई भी शक नहीं है। मैं रोहित की मृत्यु के कारणों का खुलासा बाद में करूंगी कि किन हालत में ऐसा हुआ।
2014 में एनडी तिवारी ने रोहित को अपना बेटा स्वीकार किया था
रोहित अपने पिता एनडी तिवारी के साथ लंबे समय तक चले पितृत्व विवाद को लेकर चर्चा में आए थे। वे लंबे समय तक रोहित को अपना बेटा मानने से इनकार करते रहे थे। 2014 में तिवारी ने अदालत के आदेश के बाद रोहित को अपना बेटा स्वीकार कर लिया था। एनडी तिवारी का 93 वर्ष की आयु में 18 अक्टूबर 2018 को निधन हो गया था।