हल्द्वानी, पिथौरागढ़ नंदा देवी ईस्ट चोटी पर ऑपरेशन डेयरडेविल्स चलाकर सात पर्वतारोहियों के शव को आईटीबीपी द्वारा को पोस्टमार्टम के लिये हल्द्वानी लाया गया है।
पिथौरागढ़ से एमआई 17 हेलीकॉप्टर से लाकर सातों पर्वतारोहियों के शव को हल्द्वानी की सुशीला तिवारी अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है। यहां डॉक्टरों का एक पैनल वीडियोग्राफी के साथ सभी का पोस्टमार्टम करेगा। फिलहाल सात पर्वतारोहियों में केवल दो की पहचान हुई है, इनमें एक भारतीय मूल से अल्मोड़ा जिले के पर्वतारोही चेतन पांडे और दूसरा ऑस्ट्रेलियन से मूल रुथ मेकने महिला पर्वतारोही हैं।
अधिकारियों के मुताबिक सभी पर्वतारोहियों के शव सुरक्षित रखे गए हैं। सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्युक्ष सिंह का कहना है कि, “प्रशासन विदेशी दूतावास से लगातार संपर्क में है। जैसे ही अग्रिम निर्देश होंगे प्रशासन द्वारा आगे की कार्रवाई की जाएगी।”
उल्लेखनीय है कि बीते 13 मई को मुनस्यारी से नंदादेवी ईस्ट के लिए 12 सदस्यों का एक दल रवाना हुआ था। इस दौरान हिमस्खलन की चपेट में आने से आठ पर्वतारोही लापता हो गए थे। सर्च अभियान के दौरान चार जून को बर्फ में पांच शव दिखाई दिए थे। जिस स्थान पर शव पड़े थे, वहां खतरनाक दर्रे होने से सेना के हेलीकॉप्टर से इन्हें निकालने का प्रयास सफल नहीं हो सका था। हालांकि तलाश लगातार जारी थी। 23 जून को रेस्क्यू टीम ने सात शवों को बर्फ से बाहर निकाला था। जिनके शव मौसम ठीक होने पर आज बुधवार को हल्द्वानी पहुंचा दिये गये हैं।
यह हैं गायब हुए पर्वतारोही
ब्रिटेन निवासी मार्टिन मोरिन, जोन चार्लिस मैकलर्न, रिचर्ड प्याने, रूपर्ट वेवैल, अमेरिका के एंथोनी सुडेकम, रोनाल्ड बीमेल, आस्ट्रेलिया की महिला पर्वतारोही रूथ मैकन्स और इंडियन माउंटेनियरिंग फेडरेशन के जनसंपर्क अधिकारी चेतन पांडेय पर्वतारोहण के दौरान बर्फीले तूफान की चपेट में आने से लापता हो गए थे।