ऊर्जा निगम का 200 करोड़ के राजस्व इजाफे का लक्ष्य

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ऊर्जा विभाग को गत वर्ष के राजस्व में न्यूनतम 200 करोड़ रुपये की वृद्धि करनी होगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को यह लक्ष्य दिया। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग को प्रदेश में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जेई और एई ही नहीं, बल्कि एक्जीक्यूटिव इंजीनियर भी फील्ड में जाकर स्थिति को देखें। उन्होंने कहा कि विद्युत चोरी के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जाए। विशेष रूप से बड़े बिजली चोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली चोरी रोकने और राजस्व वृद्धि के लिएं लंबे समय से एक ही स्थान पर टिके जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों का स्थानांतरण किया जाए। उन्होंने कगा कि बिना एक्जीक्यूटिव इंजीनियर की अनुमति के शटडाउन न किया जाए। साथ ही जब भी किसी आवश्यक कार्य के लिए शटडाउन लेना हो तो उसका व्यापक प्रचार किया जाए। सीएम ने सख्त हिदायत दी कि अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही से बिजली आपूर्ति में बाधा नहीं आनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि जूनियर इंजीनियर से लेकर वरिष्ठ अधिकारी तक की चरित्र पंजिका में उनकी परफॉर्मेंस बिजली सप्लाई की नियमितता के आधार पर भी देखी जाए। मुख्यमंत्री ने राज्य की सौर ऊर्जा नीति में पांच मेगावाट तक के प्रोजेक्ट केवल उत्तराखण्ड के निवासियों के लिए रखने के निर्देश दिए। इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों से राज्य में 597 मिलियन यूनिट बिजली की खपत कम हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उपजाऊ भूमि पर सोलर प्लाण्ट परियोजनाए न लगाई जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली सप्लाई में एटी एण्ड टी (एग्रीगेट टेक्निीकल एण्ड कमर्शियल लॉसेस) को कम किया जाए। वर्ष 2016-17 के 16.72 प्रतिशत हानियों को इस वर्ष अधिकतम 15 प्रतिशत तक सीमित किया जाए। गौरतलब है कि एक प्रतिशत एटी एण्ड टी हानियां कम होने पर राज्य को लगभग 100 करोड रुपये तक की बचत होगी।
सीएम ने कहा कि जिन क्षेत्रों में बिजली चोरी की घटनाएं अधिक सामने आ रही हैं, उन्हें चिह्नित कर वहां ओवरहेड लाइनों को एबी केबिलों से बदला जाए। इस वर्ष 2000 किमी ओवरहेड एलटी लाइनों को एबी केबिलों से बदले जाने का लक्ष्य है। बैठक में बताया गया कि राज्य के 15745 आबाद ग्रामों में 15681 विद्युतीकृत है। मुख्यमंत्री ने शेष 64 ग्रामों को इस वर्ष के अंत तक विद्युतीकृत करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने दूरस्थ सीमांत इलाकों में लगभग 8000 घरों के लिए सोलर ब्रीफकेस की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने विद्युत उत्पादन की आधुनिक एमआईएसटी (मिस्ट) तकनीक का अध्ययन कर किसी एक स्थान पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने के निर्देश भी दिए। उत्तराखंड जल विद्युत निगम को इस वर्ष के लिए निर्धारित 4876 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन लक्ष्य को बढ़ाकर कम से कम 5000 मिलियन यूनिट करने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो जलविद्युत परियोजनाएं न्यायालय वाद या किसी अन्य कारण से रुकी हुई हैं, उनके अतिरिक्त बाकी योजनाओं पर निगम पूरा ध्यान केंद्रित करें।
अधिकारियों ने बताया कि 120 मेगावाट ब्यासी परियोजना वर्ष 2018 दिसम्बर तक तैयार हो जाएगी। उत्तरकाशी की पिलंगाड-1 (2.25 मेगावाट) योजना इस वर्ष दिसम्बर तक पूरी हो जाएगी। चमोली में उरगम (3.0 मेगावाट) और पौड़ी में दुनाव (1.5 मेगावाट) योजना अगस्त के अंतिम सप्ताह से प्रारम्भ हो जाएगी। दुनाव परियोजना टेस्टिंग प्रक्रिया में है। राज्य के दस हजार से कम जनसंख्या वाले 36 शहरों में 192 करोड़ की लागत से बिजली सुधारीकरण किया जाना है। इस वर्ष अप्रैल से जून तक बिजली चोरी के लगभग 486 अभियोग पंजीकृत किए गए हैं। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष अप्रैल-जून अवधि के बिजली आपूर्ति की नियमितता और अवधि में सुधार हुआ है। बैठक में सचिव ऊर्जा राधिका झा, अपर सचिव रणवीर सिंह चैहान समेत ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।